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राजस्थान सरकार का दावा-पैसे देने के बाद भी नहीं मिली वैक्सीन, राज्य के सभी 18+ वैक्सीनेशन सेंटर बंद

राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा का कहना है कि हमने सौ करोड़ रुपये एडवांस दे रखे हैं लेकिन कंपनियां वैक्सीन नहीं दे रहीं तो हम क्या करें. स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया.

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राजस्थान के सरकारी वैक्सीनेशन सेंटर्स पर स्टॉक नहीं (प्रतीकात्मक तस्वीरः पीटीआई)
राजस्थान के सरकारी वैक्सीनेशन सेंटर्स पर स्टॉक नहीं (प्रतीकात्मक तस्वीरः पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने जताई बेबसी
  • बताया केंद्र की वैक्सीन पॉलिसी का फेल्योर

राजस्थान के सभी 33 जिलों में 18 साल से अधिक आयुवर्ग के लोगों का सरकार की ओर से वैक्सीनेशन बंद हो गया है. 18 साल से अधिक उम्रवालों के वैक्सीनेशन के लिए राजस्थान सरकार की ओर से बनाए गए सभी सेंटर्स बंद हो गए हैं. इसके पीछे पैसा एडवांस जमा किए जाने के बावजूद वैक्सीन की डोज का नहीं मिल पाना वजह बताया जा रहा है.

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जानकारी के मुताबिक सरकारी वैक्सीनेशन सेंटर्स बंद हो गए हैं लेकिन जयपुर के 52 प्राइवेट अस्पतालों के साथ ही प्रदेश के करीब 250 प्राइवेट अस्पतालों में 18 साल से अधिक उम्र वालों का वैक्सीनेशन जारी है. 45 साल से अधिक उम्रवालों के लिए अकेले जयपुर के कोल्ड स्टोरेज में ही वैक्सीन की करीब ढाई लाख डोज पड़ी है लेकिन लगवाने वाले नहीं मिल रहे.

राजस्थान में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के वैक्सीनेशन के लिए कंपनियों ने वैक्सीन देना बंद कर दिया है. राजस्थान सरकार सरकार के दावे पर यकीन करें तो सौ करोड़ रुपये एडवांस जमा करा दिए जाने के बावजूद कोविशील्ड और कोवैक्सीन, दोनों ही कंपनियों की वैक्सीन 18 साल से अधिक उम्रवालों के लिए नहीं मिल पा रही है. राजधानी जयपुर के ज्यादातर वैक्सीनेशन सेंटर्स पर 25 मई से ही 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए वैक्सीनेशन बंद है.

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जयपुर के मुख्य चिकित्साधिकारी नरोत्तम शर्मा ने इस संबंध में कहा कि हमारे पास कई दिन से 18 साल से अधिक आयुवर्ग के लिए वैक्सीन नहीं आ रही. इसकी वजह से हमने सारे सेंटर बंद कर दिए हैं लेकिन निजी अस्पतालों में बने वैक्सीनेशन सेंटर पर वैक्सीन की डोज लगाई जा रही है. उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल सीधे कंपनियों से वैक्सीन खरीद रहे हैं. सीएमओ ने कहा कि हमारे पास 45 से अधिक आयुवर्ग के लिए करीब 1.75 लाख डोज उपलब्ध है जिसे लगाने की कोशिश की जा रही है.

निजी अस्पतालों में वैक्सीन का रेट 1500

दूसरी तरफ, राज्य के फोर्टिस अस्पताल, मणिपाल अस्पताल, निम्स अस्पताल और सोनी अस्पताल समेत करीब ढाई सौ प्राइवेट अस्पतालों में कोविशील्ड और कोवैक्सीन की डोज 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को 1500 रुपये में लगाई जा रही है. सरकार ने जयपुर के 52 निजी अस्पतालों को कोरोना की वैक्सीन लगाने की इजाजत दे रखी है जो सीधे कंपनियों से वैक्सीन की खरीद कर रहे हैं.

स्वास्थ्यमंत्री ने जताई बेबसी, कहा- हम क्या करें

राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा का कहना है कि हमने सौ करोड़ रुपये एडवांस दे रखे हैं लेकिन कंपनियां वैक्सीन नहीं दे रहीं तो हम क्या करें. स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की वजह से वैक्सीनेशन नहीं हो पा रहा है. कंपनियां पैसे का एडवांस भुगतान करने के बावजूद  सरकार को वैक्सीन नहीं दे रहीं और निजी अस्पतालों को महंगे दाम पर बेच रही हैं. यह केंद्र की वैक्सीन पॉलिसी का सबसे बड़ा फेल्योर है.

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