राजस्थान में सरकारी योजनाओं में से संघ और बीजेपी से जुड़े नेताओं के नाम को हटाने का सिलसिला जारी है. राजस्थान के ग्रामीण विकास और रोजगार सृजन के लिए चलाई जा रही गुरु गोलवलकर ग्रामीण जनभागीदारी योजना का नाम बदलकर अब महात्मा गांधी ग्रामीण जनभागीदारी योजना कर दिया गया है. इसके लिए राजस्थान की कांग्रेस सरकार के ग्रामीण एवं पंचायत विकास विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं.
दूसरी योजनाओं के नाम भी बदले
इसके अलावा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की शुरू की गई महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना का नाम भी अब बदलकर राजीव गांधी जल स्वावलंबन योजना कर दिया गया है. दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2010-11 में ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और वहां रोजगार पैदा करने के साथ-साथ सामुदायिक भवनों के रखरखाव के लिए ग्रामीण जनभागीदारी योजना शुरू की थी. लेकिन सत्ता में आने के बाद बीजेपी ने 2014-15 में इसका नाम बदलकर गुरु गोलवलकर ग्रामीण जनभागीदारी योजना कर दिया था. अब राजस्थान सरकार ने एक बार फिर इस योजना का नाम बदल दिया है.
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बीजेपी ने साधा निशाना
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा, ''अब सरकार के पास कोई काम बचा नहीं है, इसलिए वे लोग यही काम कर रहे हैं. योजना का नाम बदलकर अभी अपने नेताओं के नाम पर रख रहे हैं. इसके बाद हम आएंगे तो इनका नाम बदलकर अपने नेताओं के नाम पर रख लेंगे. यह राजनीति चलती रहेगी.''
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सावरकर की तस्वीर पर भी विवाद
गौरतलब है कि इससे पहले शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा था कि राजस्थान के स्कूलों में वीर सावरकर की तस्वीर नहीं लगाई जाए, उनकी जगह महात्मा गांधी की तस्वीर लगाई जाए. राजस्थान में बीजेपी के विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि कांग्रेस को गांधी परिवार के अलावा और कोई दिखता नहीं है इसलिए देश के बाकी महापुरुषों का अपमान करती है.