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राजस्थान: आर-पार की लड़ाई के मूड में गुर्जर, आरक्षण पर आज बुलाई महापंचायत

Gurjar Mahapanchayat for demand of reservation किरोड़ी सिंह बैंसला के मुताबकि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की बैठक 27 जनवरी 2019 को खंडार के बानीपुरा हनुमानजी के पास होगी. गुर्जर महापंचायत में गुर्जर समाज का एकजुटता का परिचय देने और अधिक से अधिक लोगों के इसमें हिस्सा लेने का आह्वान किया गया है.

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 कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला (फाइल फोटो)
कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला (फाइल फोटो)

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समूचे देश में आजकल आरक्षण का मुद्दा गरम है. इस बीच, राजस्थान के सवाई माधोपुर में आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर समाज ने आज महापंचायत बुलाई है. इस बैठक में आरक्षण के लिए आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी. सूत्रों का कहना है कि कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में आयोजित बैठक में गुर्जर समाज इसके लिए सरकार को 20 दिन का अल्टीमेटम देगा.

किरोड़ी सिंह बैंसला के मुताबिक गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की बैठक 27 जनवरी 2019 को खंडार के बानीपुरा हनुमानजी के पास होगी. गुर्जर महापंचायत में गुर्जर समाज की एकजुटता का परिचय देने और अधिक से अधिक लोगों के इसमें हिस्सा लेने का आह्वान किया गया है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उनका कहना है कि अबकी बार गुर्जर समाज को आरक्षण के लिए आर-पार की लड़ाई लड़नी होगी. अब कोई समझौता जयपुर में नहीं होगा और अब जो भी होगा वह देवनारायण मंदिर आदि स्थानों पर समाज के बीच होगा.

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बहरहाल, बताया जा रहा है कि खंडार में आयोजित होगी महापंचायत में गुर्जर आरक्षण को लेकर विचार विमर्श किया जाएगा और आंदोलन की रूप रेखा तैयार की जाएगी. सरकार को गुर्जर रिजर्वेशन के लिए 20 दिन का अल्टीमेटम दिया जाएगा. कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला गुर्जर आरक्षण आन्दोलन संघर्ष समिति के संयोजक है. उम्मीद की जा रही है कि महापंचायत में बड़ी संख्या में गुर्जर समाज के लोग जुटेंगे. आरक्षण को लेकर गुर्जर समाज इस बार आर-पार की लड़ाई लड़ने की तैयारी में है. इससे पहले किरोड़ी सिंह बैंसला गांव गांव घुमकर समाज के लोगों से संपर्क किया था और महापंचायत में अधिक से अधिक गुर्जर समाज के लोगों के पहुंचने के लिए आह्वान किया था.

यह पहला मौका नहीं जब गुर्जर समाज के लोक आरक्षण की मांग को लेकर सड़क पर उतर रहे हैं. इससे पहले भी कई गुर्जर समाज के लोग धरना प्रदर्शन कर चुके हैं. कई बार तो हिंसक झड़पों की नौबत भी आ गई. केंद्र सरकार ने हाल ही में आर्थिक रूप से कमजोर जाति के लोगों के लिए केंद्र सरकार की शिक्षा और नौकरी में 10 प्रतिशत आरक्षण के लिए कानून पारित किया है. माना जा रहा था कि जातीय संगठनों की तरफ से उठने वाली आरक्षण की मांग अब खत्म हो जाएगी.

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