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राजस्थानः पत्रकारों पर मुकदमा, हाई कोर्ट ने गहलोत सरकार से मांगा जवाब

राजस्थान हाई कोर्ट ने पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज करने के मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने कहा है कि जब तक याचिका का निस्तारण नहीं हो जाता तब तक पत्रकारों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी.

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राजस्थान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को किया तलब
राजस्थान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को किया तलब
स्टोरी हाइलाइट्स
  • फोन टैपिंग की खबर से जुड़ा मामला
  • पायलट के मीडिया मैनेजर पर केस
  • फिलहाल कार्रवाई पर कोर्ट की रोक

राजस्थान हाई कोर्ट ने पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज करने के मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने कहा है कि जब तक याचिका का निस्तारण नहीं हो जाता तब तक पत्रकारों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी.

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असल में, राजस्थान हाई कोर्ट ने पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के मीडिया मैनेजर के खिलाफ अशोक गहलोत सरकार की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे पर फिलहाल रोक लगा दी. कोर्ट ने कहा कि जब तक मामले का निस्तारण नहीं हो जाता तब तक कार्रवाई पर रोग रहेगी. 

जैसलमेर के होटल में विधायकों की बाड़ेबंदी के दौरान फोन टैपिंग की खबर से यह मामला जुड़ा हुआ है. इस मामले में राजस्थान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के महाधिवक्ता के जरिये पक्ष जाना है. मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस सीपी शर्मा ने कहा कि राजस्थान सरकार के महाधिवक्ता इस पूरे मामले में राज्य सरकार का पक्ष रखें. मामले की अगली सुनवाई जनवरी 2021 में होगी. 

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गहलोत सरकार ने सचिन पायलट के मीडिया मैनेजर के अलावा अन्य पत्रकारों पर भी मुक़दमा दर्ज किया है. फिलहाल हाई कोर्ट ने दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है. याचिका के निस्तारण तक रोक रहेगी जारी रहेगी. महाधिवक्ता को मामले में पक्ष रखने के आदेश दिए गए हैं. जस्टिस एसपी शर्मा ने लोकेंद्र सिंह की याचिका पर यह आदेश दिया है. 

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