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हिंगोनिया गौशाला: पांच दिनों में 258 गायों की मौत

कांग्रेस ने गुरुवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में हिंगोनिया गौशाला का मामला उठाने का ऐलान किया है. हैरत की बात है कि राजस्थान गो टैक्स लगाने वाला पहला राज्य है और राज्य सरकार ने इस टैक्स से अबतक करीब 100 करोड़ जुटाए हैं.

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हिंगोनिया गौशाला
हिंगोनिया गौशाला

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जयपुर के हिंगोनिया गौशाला में गायों के मरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले पांच दिनों में ढाई सौ गायें इस गौशाला में आकर मर गई हैं. गौशाला में मर रही गायों पर सरकार का कहना है कि बाहर से पकड़कर लाई जा रही गायें हीं मर रही हैं. ये गायें प्लास्टिक खाईं रहती हैं, लिहाजा इसके लिए जनता जिम्मेदार है जबकि गोपालकों का कहना है कि सरकार की लापरवाही की वजह से गायें मर रही है.

इस बीच कांग्रेस ने गुरुवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में हिंगोनिया गौशाला का मामला उठाने का ऐलान किया है. हैरत की बात है कि राजस्थान गो टैक्स लगाने वाला पहला राज्य है और राज्य सरकार ने इस टैक्स से अबतक करीब 100 करोड़ जुटाए हैं. लेकिन सरकार ने अबतक एक पैसा भी इस फंड से खर्च नहीं किया गया है.

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पकड़कर लाई जाती हैं आवारा गायें
हिंगोनिया गौशाला में पिछले पांच दिनों में 258 गायें दम तोड़ चुकी हैं. सूत्रों के अनुसार गौशाला में पिछले तीन महीने में गायों की स्थिति इतनी खराब हो गई थीं कि गायों को डॉक्टर बचा नहीं पा रहे हैं. कीचड़ दलदल में बिना खाए-पिये लंबे समय तक रहने से इन्हें इनफेक्शन हो गया है. जबकि राजस्थान सरकार के गो पालन मंत्री ओटाराम देवासी का दावा है कि हिंगोनिया दरअसल कांजी हाउस है जहां पर आवारा गायें पकड़ कर लाई जाती हैं.

ऐसे में पॉलीथीन खाकर आई गायें बहुत बीमार हो जाती हैं और मर जाती हैं. मंत्रीजी कहते हैं कि यहां कांग्रेस राज में भी मौतें होती रही हैं. मंत्रीजी को दुख इस बात का भी है कि गोपालन विभाग ने अभी तक पूरी तरह से विभाग के रूप में काम करना शुरू नहीं किया है क्योंकि विभाग को बजट नहीं मिल पाया है.

गोपाल टैक्स से आए 100 करोड़ रुपये
राजस्थान सरकार के दावे के उलट एक हकीकत और भी है. राजस्थान ऐसा पहला राज्य है जहां गोपाल टैक्स लगता है. राजस्थान सरकार के खजाने में इस टैक्स से अबतक एक साल में 100 करोड़ रुपये आ चुके हैं मगर इनमें से एक भी पैसा खर्च नहीं हुआ है, क्योंकि टैक्स तो वित्त विभाग संभालता है जिसकी मंत्री खुद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे हैं. गो टैक्स का उपयोग कैसे हो, इसके लिए मुख्य सचिव तीन बैठकें कर चुके हैं मगर अबतक कोई फैसला नहीं हो पाया है.

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...इसलिए प्ला‍स्ट‍िक खा रही हैं गायें
गोपालक संत मंहत गोपालदास का कहना है कि सरकार गायों की गोचर जमीनें खाई जा रही है इसलिए गायें प्लास्टिक खा रही है. सरकार को गौशाला संतों को सौंपना चाहिए. इस बीच गाय को लेकर राज्य में जबर्दस्त सियासत भी चल रही है. गुरूवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में कांग्रेस ने गाय और गरीब को मुद्दा बनाकर हंगामा करने का ऐलान पहले ही कर दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि कांग्रेस बीजेपी के गाय और गरीब को लेकर दोहरे मापदंड को जनता के सामने उजागर करेगी.

राजस्थान सरकार के लिए गायों की मौतों पर जवाब देना आसान नहीं है. विपक्ष इस बात को लेकर भी मुद्दा बना रही है कि चार दिन बाद हिंगोनिया गौशाला जाने का बात कहनेवाली मुख्यमंत्री गौशाला अबतक नहीं गईं. उधर सरकार ने अधिकारियों को कहा है कि किसी भी कीमत पर गायों की मौतों के आंकड़े कम करें.

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