सरकार ने नोटबंदी को लेकर परेशानी कम करने के लिए अस्पतालों और मेडिकल स्टोरों पर पुराने नोट चलाने की छूट दे रखी है, लेकिन अभी भी कई अस्पताल पुराने नोट नहीं ले रहे है जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
जयपुर के टोंग्या हार्ट अस्पताल के बाहर खड़े राजू खान अपने चचेरे भाई रमजान को लेकर आए हैं. दिल का दौड़ा पड़ा तो घर में पड़े 500-1000 के पुराने नोटों के साथ ही अस्पताल आए. लेकिन यहां पहुंचने पर डाक्टरों ने पुराने नोट लेने से मना कर दिया. हालांकि अस्पताल ने मरीज को एडमिट कर लिया और कहा कि आपके पास पैसे नहीं हैं तो चेक से जमा करवा दें. राजू खान का कहना है कि अब क्या करेंगे बैंक में जाकर अकाउंट में पैसे डलवाएंगे और चेक से देंगे. अस्पताल ने चेक लेने से मना नही किया था और लौटाया भी नहीं था.
दरअसल जयपुर के निजी अस्पतालों में 500 और हजार रुपए के नोट नहीं लिए जाने से लोग परेशान हैं. जिनके पास पैसे नहीं है उन मरीजों से अस्पताल चेक के जरीए पैसे देने के लिए कह रहे हैं. अस्पतालों का कहना है कि सरकार की मनाही के बाद 500 और 1000 के रुपए लेना कानूनी अपराध है. इसलिए हम इमरजेंसी में आए मरीजों को एडमिट तो कर रहे है लेकिन उनसे कह रहे हैं कि आप बाद में चेक ले आना. अगर खुद का अकाउंट नही हैं तो रिश्तेदारों से चेक ले रहे हैं. लेकिन जो मरीज हैं वो परेशान हैं .उनका कहना है कि मरीज अस्पताल में छोड़कर चेक लाने जाना पड़ रहा है. टोंग्या अस्पताल के मैनेजर जैकब का कहना है कि हम मरीजों को समझाने की कोशिश करते हैं कि पुराना नोट लेने पर हमारे उपर पाबंदी है. हम ऐसा नहीं कर सकते हैं.
जैन ईएनटी अस्पताल के डाक्टर सतीश जैन का कहना है कि हमारे पास जो मरीज 500-1000 के पुराने नोट लेकर आता है उससे नए नोट मांगते हैं और अगर वो मना करता है तो हम फ्री में ईलाज करते हैं क्योंकि सरकार की तरफ से टीवी पर दिए बयान से भ्रम फैला है और लोग समझते नहीं है, बस जिद पर और गाली-गलौज पर उतर आते हैं. इसलिए अच्छा है कि मुफ्त इलाज हीं कर दिया जाए.
जयपुर में निजी अस्पतालों में रोजाना करीब 20 से 30 हजार मरीज आते हैं जिनकी संख्या में 50 से 60 फीसदी की कमी आठ नवंबर के 500-1000 के नोट बंद होने के बाद आया है. इसबीच जयपुर के गोपालपुरा नर्सिंग होम में इनकम टैक्स ने छापा मारकर 70 लाख 500 और 1000 के पुराने नोट बरामद किए हैं. जिसके बाद से निजी अस्पतालों में पुराने नोट लेने को लेकर खौफ है.