जयपुर में पायलटों की लापरवाही से एक बड़ी दुर्घटना हो सकती थी लेकिन एयरपोर्ट कंट्रोलर की मुस्तैदी से 180 मुसाफिरों की जान बच गई. घटना इस साल 27 फरवरी की है जब इंडिगो की अहमदाबाद-अजमेर फ्लाइट का पायलट विमान को जयपुर एयरपोर्ट के रन वे की जगह सड़क पर उतार रहा था. इस लापरवाही के लिए डीजीसीए ने दोनों पायलटों का लाइसेंस रद्द कर दिया है.
जयपुर के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बांउड्रीवॉल के एक तरफ रन वे है लेकिन ठीक बाउंड्री के बाहर इस तरह से 200 फीट में सड़क बनी हुई है जो कि खाली रहती है और देखने में रन वे की तरह लगती है. इंडिगो की अहमदाबाद-जयपुर फ्लाइट 6ई237 बीते 27 फरवरी को जयपुर आ रही थी. पायलट एयरपोर्ट के समानांतर जा रही सड़क को ही रनवे समझ बैठा और विमान को सड़क पर ही उतारने लगा. महज 900 फीट की दूरी बची थी जिसे विमान डेढ़ मिनट पूरी कर लेता कि एयरपोर्ट कंट्रोलर ने वार्निंग सिस्टम बजा दिया और कॉकपिट में सायरन गूंजने लगा.
तब जाकर पायलट को लगा कि उससे गलती हो गई और उसने विमान को वापस ऊपर ले लिया. इसके बाद उसने जहाज को वापस रनवे पर उतारा. विमान में कुल 180 यात्री बैठे थे. यात्रियों में घबरहाट न हो इसलिए उन्हें तो कुछ नहीं बताया गया लेकिन अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे और जांच शुरू कर दी गई. जांच रिपोर्ट सोमवार को आई जिसमें पायलटों को लापरवाही का दोषी मोनते हुए इनके लाइसेंस को कैंसिल कर दिया गया है.
जयपुर एयरपोर्ट के डायरेक्टर बी. के. तैलंग का कहना है कि हमने पूरी जांच करने के बाद पायलटों पर कार्रवाई कर दी है. एयर ट्रैफिक कंट्रोलर की मुस्तैदी से दुर्घटना टली है. इस जांच में ये पाया गया है कि पायलटों ने विमान में डायरेक्शन ही गलत सेट कर रखा था.
बता दें कि ढाई साल पहले भी एयर इंडिया का दिल्ली-जयपुर-गुवाहाटी जा रहा एक विमान रनवे के बार इसी जगह पर लैंड कर गया था जिससे विमान का पहिया टूट गया था. विमान आज भी जयपुर एयरपोर्ट पर खड़ा है.