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पति ने स्पीड पोस्ट से तीन बार तलाक लिख कर भेजा, महिला ने SC में दी अर्जी

जयपुर की 28 साल की एक मुस्लिम महिला ने स्पीड पोस्ट से तीन बार तलाक लिख कर तलाक देने के पति के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई है. सायरा बानो के बाद आफरीन देश की दूसरी मुस्लिम महिला हैं जो इस तरह तीन बार तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची हैं.

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24 अगस्त 2014 को आफरीन की शादी सैयद असार अली वारसी से हुई थी
24 अगस्त 2014 को आफरीन की शादी सैयद असार अली वारसी से हुई थी

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जयपुर की 28 साल की एक मुस्लिम महिला ने स्पीड पोस्ट से तीन बार तलाक लिख कर तलाक देने के पति के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई है. सायरा बानो के बाद आफरीन देश की दूसरी मुस्लिम महिला हैं जो इस तरह तीन बार तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को भेजा नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार, महिला आयोग समेत सभी पक्षों को इस मामले में नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. आफरीन के शौहर ने शादी के महज साल भर बाद ही ये आरोप लगाकर तलाक भेज दिया कि तुम मेरे घरवालों से ज्यादा खुद के घरवालों का ख्याल रखती हो. इसके साथ ही अपने शौहर को सुख नहीं देती है.

शादी डॉट कॉम के जरिए हुई थी शादी
उत्तराखंड के काशीपुर की रहनेवाली रहमान आफरीन घर में किसी के नहीं होने की वजह से मामा के यहां जयपुर में रहती है. पढ़ने में हमेशा अव्वल रहनेवाली आफरीन ने एमबीए कर शादी डॉट कॉम के जरिए इंदौर के एडवोकेट से शादी की थी. आफरीन के सिर से पिता का साया पहले ही उठ चुका था. शादी के साल भर बाद मां और बड़े भाई की भी मौत हो गई.

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मां खोने के मातम के वक्त मिला तलाक
मां की मौत का मातम मनाने आई आफरीन के पैरों तले जमीन खिसक गई जब उसे शौहर का भेजा हुआ स्पीड पोस्ट मिला. उसमें लिखा था कि मैं तुम्हें तीन बार तलाक-तलाक-तलाक कहता हूं. क्योंकि तुम मेरे घरवालों से ज्यादा खुद के घरवालों का ख्याल रखती हो और मुझे शौहर होने का सुख नहीं देती.

दहेज मांगने और घरेलू हिंसा का आरोप
आफरीन का आरोप है कि शादी के बाद से ही इस पर दहेज के लिए ताने दिए जाते थे. जो बाद में मारपीट में बदल गया. आफरीन की शादी 24 अगस्त 2014 को इंदौर के सैयद असार अली वारसी से हुई थी. 17 जनवरी 2016 को शौहर ने स्पीड पोस्ट से तीन बार तलाक लिख कर भेज दिया, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी.

राष्ट्रीय मुस्लिम महिला आंदोलन ने की मदद
आफरीन ने राष्ट्रीय मुस्लिम महिला आंदोलन से संपर्क किया और उसकी मदद से सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई. उसके बाद 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार, अल्पसंख्यक मंत्रालय, कानून मंत्रालय और महिला आयोग समेत सभी पक्षों को इस मामले में नोटिस भेजकर जवाब मांगा है.

खत्म हो तीन बार कहने से तलाक
राष्ट्रीय मुस्लिम महिला आंदोलन की उपाध्यक्ष नसीम अख्तर का कहना है कि अब वक्त आ गया है कि सुप्रीम कोर्ट, केंद्र सरकार और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड तीन बार के तलाक के तरीकों को खत्म करवाए. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में स्काइप और व्हाट्स ऐप के जरिए भी तीन बार तलाक लिखकर तलाक देने की घटनाएं बढ़ी हैं. उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट से कोई बेहतर हल निकालेगा.

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