पिछले कुछ दिनों से एक शब्द का प्रयोग बार-बार सुना जा रहा है, फिर चाहे वो सरकार विरोधी हों या सरकार के पक्षधर- संविधान... अब राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने एक नई पहल की शुरुआत की है. राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में प्रार्थना के दौरान छात्रों को रोज संविधान की प्रस्तावना पढ़ायी जाएगी. इस नियम को अनिवार्य कर दिया गया है.
मंत्री ने दी जानकारी
राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने इस संबंध में ट्वीट कर इस बात की पुष्टि की है. राजस्थान के सभी सरकारी स्कूलों में इस नियम का पालन गणतंत्र दिवस यानी कि 26 जनवरी के ऐतिहासिक दिन से करना होगा.
To introduce the essence of the Indian Constitution to the youth of the state, government has mandated recitation of the Preamble of the Constitution in all schools from 26th January 2020. India is a Sovereign, Socialist, Secular, Democratic Republic...(1/2) pic.twitter.com/AW0psf2WFe
— Govind Singh Dotasra (@GovindDotasra) January 24, 2020
इतना ही नहीं, इस सत्र से सरकारी स्कूलों में 12वीं क्लास तक के सभी किताबों के पहले पृष्ठ पर संविधान की उद्देशिका भी छपवाई जाएगी.
अन्य राज्यों को भी सलाह
सरकार द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, प्रार्थना सभा के दौरान शिक्षक रोजाना बच्चों को संविधान की प्रस्तावना पढ़ाएंगे. बाद में बच्चों की टोली, प्रार्थना की तरह ही संविधान की प्रस्तावना भी पढ़ेगी. शिक्षा मंत्री ने बताया कि 13 जनवरी को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में दिल्ली में एक बैठक हुई थी. इस बैठक के दौरान एक प्रस्ताव पास हुआ.
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प्रस्ताव में कहा गया कि सभी कांग्रेस शासित राज्यों में गणतंत्र दिवस के दिन संविधान की प्रस्तावना पढ़ाने का कार्यक्रम रखा जाएगा.