जयपुर की हिंगोनिया गौशाला में गायों के दलदल में फंसकर और भूख से मरने की आज तक की खबर पर हंगामा अभी शांत भी नहीं हुआ कि गायों की मौत को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है. इस गौशाला में बड़ी संख्या में गायें पॉलिथिन, कील, ब्लेड, बैटरी, इंजेक्शन और सिक्के खाकर भी मर रही हैं.
लोग गायों को लावारिस छोड़ देते हैं, जहां-तहां वो पॉलिथिन के साथ यह सब भी खा लेती हैं जिसकी वजह से दम तोड़ रही है. हिंगोनिया गौशाला में गायों के ऑपरेशन में गायों के पेट से जो कुछ निकलता है उसके बारे में जानकर आप दंग रह जाएंगे. गाय के पेट से दर्जनों कीलें, ब्लेड, सिक्के, मोबाल बैट्री, पत्थर, जंजीरें, चैन, कोल्ड ड्रिंक्स की बोतल के ढक्कन और इंजेक्शन जैसी चीजें निकलती हैं जो पेट में जाकर पूरे पेट को फाड़ देती है.
पॉलिथिन निकालने के लिए 5 घंटे तक चलता है गाय का ऑपरेशन
इन चीजों के पेट में होने की वजह से गाय बीमार पड़ जाती हैं और मर जाती है. इन सबसे ज्यादा खतरनाक पॉलिथिन हैं. एक गाय के पेट से 50 से लेकर 70 किलो तक पॉलिथिन निकलती है. डॉक्टरों का कहना हैं कि
पॉलिथिन की वजह से गायें मर रही हैं. अब तक तीन सौ गायों का ऑपरेशन कर चुके हिंगोनिया गौशाला के डॉक्टर तपेश माथुर कहते हैं कि पांच-पांच घंटे तक एक-एक गाय के पेट से पॉलिथिन निकालते हैं. पूरे का
पूरा पेट सिर्फ कबाड़ का भरा होता है. ब्लेड और नुकीली चीजों से पेट के अंदर का भाग फट जाता है और खून बहने से गायें मर जाती हैं. इनका पेट इतना कबाड़ से भर जाता है कि इसके अंदर चारा खाने की जगह नहीं
बचती इसलिए कई बार तो गायें भूख से मर जाती हैं.
गायों के लिए पॉलिथिन साबित हो रही है जानलेवा
हिंगोनिया गौशाला के सर्जन देवेंद्र सिंह कहते हैं कि कई बार तो गायों के अंदर ये सब जहर बन जाता है. गायें इस अवस्था में हमारे पास आती हैं कि हम उन्हें ऑपरेशन करके भी बचा नहीं पाते हैं. सबसे बड़ी बात है
कि जयपुर में पॉलिथिन बंद है तो शहर में ये पॉलिथिन आ कैसे रही हैं. यही सवाल राजस्थान हाईकोर्ट ने भी जयपुर पुलिस कमिश्नर से पूछा है.
गायों के पेट से सिक्के भी निकलते हैं
इसके अलावा गायों के पेट में बड़ी संख्या में सिक्के निकलते हैं. लोग गायों को गुड़, लड्डू और रोटी में सिक्के लपेटकर पिंडदान कर खिलाते हैं. जो इनके पेट में जाकर नुकसान करता है. रोजाना चार से पांच गायों का
यहां ऑपरेशन होता है, जिनके पेट से ये सब निकलता है. इन सब चीजों के पेट में होने की वजह से इनका पेट अंदर ही अंदर फट जाता है. जयपुर शहर में पॉलिथिन पर पाबंदी है, मगर इसके बावजूद यहां हर तरफ
पॉलिथिन मिल रही हैं.