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जयपुर: कड़ाके की ठंड में किसानों का जमीन सत्याग्रह, मुआवजे की कर रहे मांग

जयपुर विकास प्राधिकरण ने इन किसानों की जमीन पर आवासीय योजना विकसित करने का प्लान बनाया है. जिसके लिए इनकी जमीनों के अधिग्रहण का प्रस्ताव रखा गया है.

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जयपुर में किसानों का जमीन सत्याग्रह
जयपुर में किसानों का जमीन सत्याग्रह

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  • किसानों की जमीन पर आवासीय योजना विकसित करने का प्लान
  • जमीन को बचाने के लिए किसानों ने शुरू किया जमीन सत्याग्रह

जयपुर में किसानों ने एक बार फिर से अपनी जमीन बचाने के लिए जमीन सत्याग्रह की शुरुआत की है. जयपुर के पास सीकर रोड पर नींदड़ गांव में किसानों ने जमीन खोदकर खुद को गड्ढे में गाड़ लिया है, ताकि सरकार इनको गड्ढे से निकाले. कड़ाके की ठंड में पिछले 2 दिनों से किसान चौबीसों घंटे गड्ढे में खुद को गाड़े हुए हैं.

दरअसल, जयपुर विकास प्राधिकरण ने इन किसानों की जमीन पर आवासीय योजना विकसित करने का प्लान बनाया है. बीजेपी सरकार में भी यह प्रस्ताव रखा गया था, तब इन किसानों ने अक्टूबर 2017 में इसी तरह से जमीन सत्याग्रह किया था. तब सरकार ने इनकी जमीन लेने की मुहिम छोड़ी थी. उस दौरान कांग्रेस के नेता इन किसानों के साथ थे.

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हालांकि इनका कहना है कि एक बार फिर से 1 जनवरी 2020 को जब पूरा देश नए साल के जश्न में डूबा था तब जयपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारी इनकी जमीनों पर आकर कब्जा करने लगे. 2 दिनों तक नेताओं और अधिकारियों के पास चक्कर लगाने के बाद अब इन्होंने इसी जमीन पर गड्ढा खोद कर खुद को गाड़ लिया है. इस दौरान समर्थन में गांव के बड़े, बूढ़े, महिलाएं और बच्चे भी साथ में बैठे हैं.

इन किसानों का कहना है कि 1100 किसानों में से 350 किसानों ने दबाव में आकर अपनी जमीनें सरेंडर की है, 650 किसानों ने अभी तक अपनी जमीन नहीं दी है. किसान नए जमीन अधिग्रहण कानून के तहत अपनी जमीन का मुआवजा चाहते हैं जबकि सरकार का कहना है कि जमीन अवाप्ति का प्रस्ताव 10 साल पहले तैयार किया गया था. इसलिए पुराने कानून के तहत ही मुआवजा दिया जाएगा.

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