जयपुर ग्रेटर नगर निगम की मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर और तीन पार्षदों के निलंबन से राजस्थान का सियासी पारा बढ़ गया है. मेयर सौम्या गुर्जर ने ट्वीट करके कहा कि सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं. गहलोत सरकार ने सौम्या गुर्जर के अलावा भाजपा के तीन पार्षदों पारस जैन, अजय चौहान और शंकर शर्मा को निलंबित किया है.
मेयर सौम्या गुर्जर पर कमिश्नर ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया था. पार्षदों द्वारा मेयर की मौजूदगी और सहमति से कमिश्नर के साथ बदसलूकी का भी आरोप लगाया गया. इस मामले में राजस्थान सरकार ने रविवार देर रात को महापौर सौम्या गुर्जर और भाजपा के तीन पार्षदों को निलंबित करने की घोषणा की.
मामले की जांच के बाद निलंबन का फैसला लिया गया. राजस्थान सरकार ने मामले की न्यायिक जांच कराने का भी फैसला किया है. सरकार ने कहा कि मेयर के खिलाफ आरोप गंभीर प्रकृति के हैं और यह देखते हुए कि वह मेयर के पद पर रहते हुए न्यायिक जांच को प्रभावित करने की पूरी संभावना है, उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया जाता है.
सरकार के इस फैसले के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने कहा, 'इतिहास गवाह है कि देश में जून के महीने में ही आपातकाल लगाया गया था और कांग्रेस का पतन शुरू हो गया था, जयपुर के महापौर और पार्षदों का निलंबन दुर्भाग्यपूर्ण है, यह राजस्थान में कांग्रेस के पतन का कारण होगा, बीजेपी हर तरह से न्याय की लड़ाई लड़ेगी.'
मेयर और कमिश्नर के बीच विवाद की कथित घटना शुक्रवार को हुई, जब आयुक्त यज्ञ मित्र सिंह देव घर-घर कूड़ा उठाने में लगी कंपनी से जुड़े एक मामले पर बैठक में भाग लेने के लिए मेयर के कक्ष में गए थे. बैठक के दौरान दोनों के बीच तीखी नोकझोंक हुई. इसी बीच पार्षदों ने कमिश्नर के साथ कथित तौर पर मारपीट और गाली-गलौज की.