जयपुर राजघराने में संपत्ति को लेकर सालों से चल रहा विवाद सुलझ गया है. जय महल होटल्स और रामबाग पैलेस होटल को लेकर जो विवाद था, उसे सुप्रीम कोर्ट ने सुलझा दिया है.
जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस ऋषिकेश रॉय की बेंच ने संपत्ति विवाद को मध्यस्थता के जरिए सुलझाया है. सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 7 सितंबर को पूर्व जज कुरियन जोसेफ की अध्यक्षता में मध्यस्थता कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी ने सभी पक्षों के हस्ताक्षर वाले समझौते को कोर्ट में सौंप दिया है.
एडवोकेट अभिषेक कुमार राव ने बताया कि महारानी गायत्री देवी के पोते महाराज देवराज और राजकुमारी लालित्य को अपने सौतेले चाचाओं से जय महल पैलेस वापस मिल जाएगा. अभिषेक कुमार राव महाराज देवराज और राजकुमारी लालित्य के वकील थे.
राजकुमार देवराज और लालित्य कुमारी ने सुप्रीम कोर्ट में 2018 में नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के आदेश को चुनौती दी थी. मामला जय महल होटल और रामबाग पैलेस होटल में मालिकाना हक और शेयरहोल्डिंग को लेकर विवाद का था.
अभिषेक कुमार राव ने बताया कि महाराज जय सिंह और महाराज विजित सिंह ने जय महल पैलेस को सौंपने पर सहमति जता दी है. जय महल पैलेस महाराज जय सिंह और महाराज विजित सिंह के पास 1997 से था. इसी तरह महाराज देवराज सिंह और राजकुमार लालित्य कुमारी को भी अपनी संपत्ति में से कुछ हिस्सा उन्हें देना होगा.
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क्या है पूरा विवाद?
- जयपुर के महाराजा सवाई मान सिंह ने तीन शादियां की थीं. पहली शादी मारूधर कुंवर से, दूसरी किशोर कुंवर से और तीसरी गायत्री देवी से. विवाद किशोर कुंवर और गायत्री देवी के वारिसों के बीच था.
- ये विवाद महारानी किशोर कुंवर के बेटे जय सिंह, उनके पोते विजित सिंह और गायत्री देवी के पोते राजकुमार देवराज, राजकुमारी लालित्य कुमारी के बीच था. राजकुमार देवरात और राजकुंमारी लालित्य के पिता दिवंगत जगत सिंह के पास जय महल पैलेस होटल की 99 फीसदी हिस्सेदारी थी. वहीं, विजित सिंह के पिता और जय सिंह के भाई दिवंगत पृथ्वीराज सिंह के पास 1 फीसदी की हिस्सेदारी थी.
- जगत सिंह ने थाइलैंड की राजकुमार प्रियनंदना से शादी की थी. उनसे ही देवराज सिंह और लालित्य कुमारी का जन्म हुआ. दोनों लंदन में ही पले-बढ़े. हालांकि, कुछ सालों बाद ही जगत सिंह और प्रियनंदना के बीच तलाक हो गया और वो बैंकॉक में अपने दोनों बच्चों के साथ रहने लगीं.
- 1997 में लंदन में महाराज जगत सिंह का निधन हो गया. इसके बाद पृथ्वीराज ने देवराज और लालित्य को अपने पिता की संपत्ति से बेदखल कर दिया और जय महल पैलेस होटल की पूरी हिस्सेदारी अपने नाम कर ली.
- बाद में ये मामला दिल्ली हाईकोर्ट भी गया. उसके बाद नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल और बाद में सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता के जरिए इस पूरे विवाद को सुलझाया.