कश्मीर के बिगड़ते हालातों ओर सीमा पर पसरे तनाव के बीच रविवार को जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह पर जियारत के लिए पहुंची. मुफ्ती ने कहा कि सीमा पर बढ़ रहा तनाव चिंताजनक है लेकिन खुदा हालातों को संभालेगा.
महबूबा मुफ्ती ने अजमेर पहुंचकर सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह पर अकीदत के फूल और मखमली चादर पेश की. महबूबा मुफ्ती ने दरगाह में कुछ देर बिताया और इस दौरान वो दुआ में लीन रहीं. बाद में पत्रकारों से बात करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर में बिगड़े हालात अब नियंत्रण में आने लगे हैं. लेकिन बिगड़े हालातों के चलते कश्मीर की अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बड़ा झटका लगा है. साथ ही सीमा पर जिस तरीके से तनाव पसरा हुआ है वो भी चिंताजनक है। महबूबा ने कहा कि सूफी संत ख्वाजा साहब की बारगाह में कश्मीर में अमन चैन की दुआ मांगी है और मुझे यकीन है कि वो जरूर सुनेंगे.
इस अवसर पर नोटबंदी के सवाल से महबूबा मुफ्ती ने किनारा करने की कोशिश की. जबकि सत्ताधारी भाजपा लगातार यह दावा कर रही है कि नोटबंदी का व्यापक असर जम्मू-कश्मीर पर हुआ है और अलगाववादियों के उकसावे पर माहौल खराब करने वाले युवा अब सेना पर पत्थर बाजी जैसी घटनाओं से दूर हटने में लगे हैं.
मुफ्ती ने कहा कि ख्वाजा साहब के पास हर कोई मांगने आता है. हमने भी प्रदेश में अमन चैन के लिए दुआ मांगी है. प्रदेश के बॉर्डर पर हो रहे तनाव के बीच कई लोग फंसे हुए हैं. अल्लाह से दुआ करने आए हैं कि दिनों के बीच चल रहे इस तनाव को बंद करें.