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फिर सुलगा जोधपुर, दो गुटों में पथराव के बाद तनाव, भारी पुलिस फोर्स तैनात

जोधपुर में एक बार फिर तनाव पैदा हो गया है. एक समुदाय के दो गुटों के लोगों के बीच पथराव हुआ है. मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है और तीन लोगों को पकड़ा गया है.

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जोधपुर हिंसा (2 मई की फोटो)
जोधपुर हिंसा (2 मई की फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जोधपुर में परशुराम जयंती के मौके पर भी हुई हिंसा
  • तब 250 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया

जोधपुर में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. दो गुटों के बीच जमकर पत्थर चले हैं. सूरसागर के रॉयल्टी नाके के पास ये बवाल देखने को मिला है. अभी के लिए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है और तीन लोगों को पकड़ लिया गया है. 

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बताया जा रहा है कि सूरसागर थाना क्षेत्र के रॉयल्टी नाके के पास राजाराम सर्कल के नजदीक से बाबू माली का वाटर सप्लाई का काम है. उसके बेटे का एक टैक्सी चालक से विवाद हो गया जिसके बाद थोड़ी देर में लोगों का हुजूम एकत्र हो गया और देखते ही देखते बड़ा बवाल शुरू हुआ. फिर बाद में पुलिस मौके पर पहुंची और भीड़ को तितर-बितर किया गया.

इससे पहले भी जोधपुर में बवाल हो चुका है. दो मई को ईद के मौके पर जमकर हिंसा हुई थी. दरअसल, ईद और परशुराम जयंती एक साथ मनाई जा रही थी और परशुराम जयंती के मौके पर रैली निकाली गई थी. इस बीच जालोरी गेट पर झंडे और लाउडस्पीकर को लेकर विवाद शुरू हो गया जो दो दिन तक चलता रहा. उस मामले में पुलिस ने 33 प्रकरण दर्ज किए, जबकि 250 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था. 

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अब एक महीने के बाद जोधपुर में फिर हिंसा देखने को मिल गई है. किस कारण से दो समुदाय के लोग एक दूसरे के सामने आए, अभी तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन जमकर पत्थरबाजी हुई है और खूब बवाल काटा गया है. स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने मौके पर भारी पुलिस फोर्स भेज दी है. डीसीपी, एडीसीपी जैसे वरिष्ठ अफसर भी स्थिति को कंट्रोल करने में लग गए हैं.

वैसे जोधपुर में हुए बवाल से पहले राजस्थान के करौली और अलवर में भी जबरदस्त हिंसा देखने को मिल चुकी है. करौली की बात करें तो वहां पर एक बाइक रैली पर पत्थरबाजी कर दी गई थी. कहा गया था कि जब कुछ लोगों ने हिंदू नव वर्ष के मौके पर बाइक रैली निकाली थी, दूसरे समुदाय के लोगों ने उन पर पथराव कर दिया. बाद में कई दुकानों को आग के हवाले किया गया, जमकर हिंसा हुई और जमीन पर माहौल तनावपूर्ण बन गया. हालात इतने बिगड़ गए थे कि प्रशासन को कई दिनों तक करौली में कर्फ्यू रखना पड़ा. उस हिंसा में पुलिस ने लगभग 144 आरोपियों को चिंहित किया था. 

लेकिन करौली के बाद भी राजस्थान में हिंसा का दौर नहीं थमा. 22 अप्रैल को अलवर जिले में एक बार फिर सांप्रदायिक हिंसा ने माहौल को गर्म कर दिया था. उस समय सोशल मीडिया पर बुलडोजर कार्रवाई का एक वीडियो वायरल था जहां पर एक मंदिर को तोड़ दिया गया. उसी विवाद ने अलवर में हिंसा करवा दी और कांग्रेस सरकार भी मुश्किलों में फंसी.

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