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इन सात शर्तों के साथ हार्दिक पटेल को उदयपुर में घुमने की छूट

गुजरात उच्च न्यायालय से हार्दिक को 6 माह के निष्कालन के बाद से हार्दिक उदयपुर में रह रहे हैं और उन पर राजस्थान में प्रवेश के समय एक टोलनाके पर उत्पात मचाने का मामला दर्ज है.

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हार्दिक पटेल
हार्दिक पटेल

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गुजरात के पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर से बड़ी राहत मिली है. पटेल की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राजस्थान सरकार और उदयपुर पुलिस को आदेश दिया कि हार्दिक को घर में नजरबंद नहीं करें उन्हें उदयपुर शहर में स्वतंत्र नागरिक की तरह रहने दें. हार्दिक पटेल की इस याचिका पर पिछले सोमवार को ही सुनवाई पूरी हो चुकी थी और फैसला आना था. फैसले के साथ हाईकोर्ट ने कहा कि हार्दिक को कहीं आने-जाने के लिए गुजरात हाईकोर्ट से अनुमति लेनी पड़ेगी.

राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर के जज गोपाल व्यास ने गुजरात पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर ये आदेश दिया है. सरकारी अधिवक्ता पी एस भाटी ने कहा कि हार्दिक पटेल को कानून और पुलिस के जरिए सरकार के द्वारा गुजरात हाईकोर्ट से आदेश लेनी पडेगी. इसी तरह से सात बातों को ध्यान में रखते हुए उन्हें उदयपुर शहर में जाने के लिए 24 घंटे पहले कोर्ट से आज्ञा लेनी पड़ेगी. जिनमें बाहर जाने की वजह, किससे मिलना है, मिलने की वजह क्या है, स्थान सुरक्षित है कि नहीं, क्या किसी जगह पर उनके जाने से शांति व्यवस्था को खतरा हो सकता है और गुजरात हाईकोर्ट के आदेशों की पालना का उल्लंघन तो नही हो रहा है.

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गुजरात उच्च न्यायालय से हार्दिक को 6 माह के निष्कालन के बाद से हार्दिक उदयपुर में रह रहे हैं और उन पर राजस्थान में प्रवेश के समय एक टोलनाके पर उत्पात मचाने का मामला दर्ज हैं, जिसके चलते पुलिस ने हार्दिक को नजरबंद कर रखा है. भारत सरकार के पूर्व सहायक सोलिसिटर जनरल रहे गुजरात के वकील आई एच सैयद, रफीक लोखंडवाला और दीपक जेठवानी ने हार्दिक की ओर से पैरवी करते हुए कहा था कि गुजरात हाईकोर्ट ने हार्दिक को जमानत देते हुए 6 माह तक गुजरात से बाहर रहने के आदेश दिए हैं, जहां अपने अस्थाई निवास में उदयपुर में हार्दिक रह रहे हैं लेकिन हार्दिक को राजस्थान पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर रखा है. किसी से नतो मिलने दिया जा रहा है और न हीं कहीं आमे-जाने दिया जा रहा है.

जब कि सरकार की ओर से पैरवी करते हुए एएजी डॉ पीएस भाटी और एएजी कांतिलाल ठाकुर ने कहा था कि हार्दिक का पिछला रिकॉर्ड देखते हुए उसे खुला नहीं छोड़ा जा सकता है. हार्दिक ने गुजरात में पाटीदार आंदोलन छेड़ा था जिससे गुजारात सरकार के साथ-साथ सार्वजनिक रूप से जानमाल की क्षति हुई थी, दोबारा इस तरह की वारदात नहीं हो, इसलिए सरकार सावधानी बरत रही है. साथ ही आंदोलन की वजह से हार्दिक के कई शत्रु हो गए हैं उनसे उसकी सुरक्षा भी करनी पड रही हैं.

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