राजस्थान के करौली जिले के बुकना गांव में पुजारी बाबूलाल वैष्णव की हत्या के 6 दिन बाद क्राइम ब्रांच क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CBCID) ने मामले की जांच शुरू कर दी है. सीबीसीआईडी की टीम बुकना गांव पहुंची और मौके का मुआयना किया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से जांच का जिम्मा सौंपे जाने के बाद सीबीसीआईडी की टीम बुकना पहुंची, जिसका नेतृत्व पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा कर रहे हैं.
सीबीसीआईडी की टीम ने बुकना पहुंचकर सबसे पहले मौका-ए-वारदात का मुआयना किया. जांच एजेंसी ने एफएसएल की टीम को भी बुलाया, जिसने तमाम सबूत एकत्रित किए. सीबीसीआईडी की टीम का नेतृत्व कर रहे विकास शर्मा ने आजतक से बात करते हुए कहा कि जांच अभी शुरुआती दौर में है. हम जांच के संबंध में पूरी जानकारी देंगे.
इससे पहले सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर गहलोत सरकार में मंत्री अशोक चांदना, कांग्रेस के चीफ व्हिप महेश जोशी और क्षेत्रीय विधायक रमेश मीणा पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे. सरकार के प्रतिनिधियों ने पुजारी के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजे का चेक भी सौंपा. गहलोत सरकार के कैबिनेट मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि इस घटना की तुलना हाथरस से न की जाए.
उन्होंने कहा कि करौली की घटना में सरकार पीड़ित पक्ष के साथ खड़ी है, न कि आरोपियों के. उन्होंने कहा कि सरकार ने परिवार की जिम्मेदारी ली है और मुआवजे के साथ-साथ परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी दी जा रही है. परिवार को संतुष्टि तक सुरक्षा भी मुहैया कराई जाएगी.
राजस्थान सरकार के प्रतिनिधियों के अलावा राष्ट्रीय परशुराम सेना समेत कई अन्य संगठनों के प्रतिनिधि भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे. राष्ट्रीय परशुराम सेना की ओर से संगठन के अध्यक्ष दिनेश ने कहा कि उन्होंने परिवार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका भी दाखिल की है, जिसमें परिवार के लिए इंसाफ की मांग की गई है.
रिश्तेदारों और परिजनों ने अस्थियां एकत्रित कीं, जिन्हें गंगा नदी में विसर्जित किया जाएगा. फिलहाल इस मामले में अब तक दो आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है. अन्य आरोपी फरार हैं. हालांकि, पुलिस प्रशासन की ओर से अन्य सभी आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के दावे किए जा रहे हैं.
बता दें कि जमीन विवाद में दबंगों ने पुजारी बाबूलाल वैष्णव को पेट्रोल छिड़ककर जला दिया था. 80 फीसदी से अधिक जल चुके बाबूलाल वैष्णव का उपचार के दौरान जयपुर के सवाई माधो सिंह अस्पताल में निधन हो गया था. पुजारी के परिजन और ग्रामीणों ने अंत्येष्टि से इनकार करते हुए इंसाफ, 50 लाख मुआवजे और एक सदस्य को नौकरी की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया था.
(गोपाल लाल माली के इनपुट के साथ)