राजस्थान में कोटा जिले के सरकारी जेके लोन अस्पताल में 24 घंटे के अंदर 9 शिशुओं की मौत के मामले पर बवाल मचने के बाद प्रदेश की सरकार ने अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को हटा दिया है. जेके लोन अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को हटाने के अलावा शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष को भी हटा दिया गया है.
बता दें कि डॉ अशोक मुंद्रा डॉक्टर एस सी दुलारा की जगह जेके लोन अस्पताल के नए चिकित्सा अधीक्षक बनाए गए हैं. डॉक्टर मुंद्रा पहले फॉरेंसिक विभाग के विभागाध्यक्ष के तौर पर काम कर रहे थे. इसके अलावा डॉ ए एल बेरवा की जगह डॉक्टर अमृता मयंगर ने शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष के तौर पर ली है.
राजस्थान के कोटा शहर के जे के लोन अस्पताल में 9 शिशुओं की मौत के बाद हंगामा बरपा था, जिसके बाद राजस्थान सरकार ने जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया था जो पिछले सप्ताह कोटा गई थी. कमेटी को तीन कार्य दिवस में अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था.
इन 9 में से 5 शिशुओं की मौत पिछले सप्ताह की बुधवार रात को हो गई, जिसके बाद कई परिजनों ने अस्पताल प्रांगण में हंगामा किया. परिजनों ने अस्पताल के मेडिकल स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
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मालूम हो कि पिछले साल दिसंबर के महीने में ही 100 बच्चों की कोटा के सरकारी अस्पताल, जे के लोन अस्पताल, में मौत हो गई थी जिसके बाद प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार की काफी किरकिरी हुई थी.
कोटा के जे के लोन सरकारी अस्पताल के नए चिकित्सा अधीक्षक, अशोक मूंदड़ा, ने कहा, "अस्पताल में किसी तरह की लापरवाही नहीं होगी और उपचार के बेहतर इंतजाम करने की कोशिश करेंगे. राज्य सरकार ने जो जिम्मेदारी दी है, उसको पूरा करने की कोशिश करेंगे ... जच्चा और बच्चा को पूरी तरह से सुरक्षित रखा जाएगा, इसकी कोशिश रहेगी."
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