scorecardresearch
 

मोदी अंकल हमारे नोट बदलवा दो! कोटा के दो अनाथ बच्चों की गुहार

कोटा के एक शेल्टर होम में 4 साल से रह रहे 14 साल के सूरज व 12 साल की सलोनी आजकल एक नई मुश्किल में फंस गए हैं. बचपन में उनके पिता की मौत हो गई और फिर मां की भी 4 साल पहले हत्या कर दी गई. सूरज व सलोनी का इस दुख से उबरना मुश्किल था.

Advertisement
X
पुराने नोट के साथ बच्चे
पुराने नोट के साथ बच्चे

Advertisement

कोटा के एक शेल्टर होम में 4 साल से रह रहे 14 साल के सूरज व 12 साल की सलोनी आजकल एक नई मुश्किल में फंस गए हैं. बचपन में उनके पिता की मौत हो गई और फिर मां की भी 4 साल पहले हत्या कर दी गई. सूरज व सलोनी का इस दुख से उबरना मुश्किल था. वह एक शेल्टर होम में रह रहे हैं. इस बीच बाल कल्याण समिति के आदेश पर पुलिस ने उनके पुश्तैनी मकान का सर्वे करवाया, जहां एक बक्से में रखे 1000 और 500 के 96500 रुपए के पुराने नोट मिले, लेकिन नोट बदलने की समय सीमा खत्म हो गई और अब आरबीआई ने भी नोट बदलने से मना कर दिया है.

सूरज व सलोनी ने बताया कि यह रुपए उनकी मां ने उनके भविष्य के लिए जोड़े थे. अब बच्चों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर नोट बदलवाने की गुहार लगाई है. बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष हरीश गुरुबख्शानी ने इन बच्चों के घर का सर्वे करवाया तब यह पुराने रुपए सामने आए थे, अब यह दोनों बच्चे प्रधानमंत्री मोदी जी से चाहते हैं कि वह उनके नोट बदलवा कर सलोनी के नाम FD करवा दें जो उसके भविष्य में काम आ सके. इस संबंध में कोटा के सांसद ओम बिड़ला ने पीएमओ को उनकी बात पहुंचाने का आश्वासन दिया और स्वयं भी मदद की बात कही है.

Advertisement

सूरज ने कहा, 'मैं यहां पर तीन-चार साल से रह रहा हूं. मेरे आगे-पीछे कोई नहीं है, मैं 9वीं क्लास में पढ़ता हूं. जब मैडम ने हम सब बच्चों से बीच में बैठकर बात की तो मैंने मैडम को बताया कि मेरा भी घर है. इसके बाद हम गांव अपने घर में गए. वहां पर हमें जेवर और 96500 रुपये के पुराने नोट मिले. हम सारे पैसों को लेकर यहां वापस आ गए. फिर हमने मैडम जी से कहा कि मैडम जी हमारे पैसे चेंज करा दो. मैं यह सारे पैसे मेरी बहन के नाम एफडी कराना चाहता हूं.

बहन सलोनी ने कहा, 'मेरी मम्मी हमारे लिए जो पैसे छोड़कर गई थी वह पुराने नोट हैं. प्लीज प्रधानमंत्री जी हमारे नोट बदलवा दें जो मेरी पढ़ाई और मेरी आगे की जिंदगी में काम आए.'

बाल कल्याण समिति कोटा के अध्यक्ष हरीश गुरुबख्शानी ने बच्चों के कहने के आधार पर उनके गांव का सर्वे करवाया था. बच्चों के घर को जब खुलवाया गया और संपत्ति का आंकलन किया गया तो कुछ गहने के साथ तकिये की खोली में एक बॉक्स के अंदर 96,500 हजार रुपये के पुराने नोट भी मिले. उन्होंने बाताया, 'हमने इस मामले को जब आरबीआई को फॉरवर्ड किया, तो आरबीआई ने नोट बदलने से साफ मना कर दिया. इस मामले में हमने पीएमओ को भी लिखा है. बच्चों ने प्रधानमंत्री के नाम एक खुला खत भी लिखा है. हमारा यही प्रयास है कि बच्चों के नोट बदले और इनके भविष्य में काम आए.'

Advertisement

इस बीच कोटा के सांसद ओम बिड़ला को जब इन बच्चों के बारे में पता चला तो वह इनसे मिलने गए और उन्होंने इस बारे में पीएमओ और आरबीआई से बात करने का आश्वासन दिया है.

Advertisement
Advertisement