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राजस्थानः छह महीने बाद आई राजस्थान कांग्रेस के संगठन की सूची, कांग्रेस आलाकमान ने दी पायलट को तरजीह

छह महीने बाद राजस्थान में कांग्रेस की नई कार्यकारिणी की घोषणा हो गई है. राजस्थान कांग्रेस की नई टीम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ज़्यादा नहीं चली है. माना जा रहा था कि यह टीम अशोक गहलोत के मन मुताबिक होगी पर कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट के लोगों को भरपूर जगह देकर सबको चौंका दिया है.

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राजस्थान कांग्रेस कार्यकारिणी पायलट समर्थकों को तरजीह (फाइल फोटो)
राजस्थान कांग्रेस कार्यकारिणी पायलट समर्थकों को तरजीह (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ज़्यादा नहीं चली
  • कार्यकारिणी में पायलट समर्थकों को जगह मिली
  • राजस्थान में कांग्रेस की कार्यकारिणी भंग थी

छह महीने बाद राजस्थान में कांग्रेस की नई कार्यकारिणी की घोषणा हो गई है. राजस्थान कांग्रेस की नई टीम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ज़्यादा नहीं चली है. माना जा रहा था कि यह टीम अशोक गहलोत के मन मुताबिक होगी पर कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट के लोगों को भरपूर जगह देकर सबको चौंका दिया है.

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कांग्रेस आलाकमान की मंजूरी के बाद घोषित राजस्थान में कांग्रेस के पदाधिकारियों की घोषणा की गई है. सचिन पायलट के हटाए जाने के बाद से पूरे राजस्थान में कांग्रेस की कार्यकारिणी भंग थी.

कार्यकारिणी में 39 पदाधिकारी शामिल किए गए हैं. वरिष्ठ नेताओं को भी प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की नई टीम में जगह दी गई है.

इस नई टीम में सचिन पायलट के करीबियों को बड़ी संख्या में जगह मिलने पर हर तरफ सियासी चर्चा हो रही है. अगर 39 लोगों वाली कांग्रेस के उपाध्यक्ष, महासचिव और सचिव की सूची देखें तो 40 फीसदी सचिन पायलट के समर्थकों को जगह मिली है.

कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष से हटाते हुए उनकी टीम को भंग कर दिया था जिसकी भरपायी डोटासरा की नई टीम में नई की गई है. सचिन पायलट के साथ बगावत करने वाले चार विधायकों को भी कांग्रेस संगठन में जगह मिली है.

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अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणुगोपालन ने प्रदेश कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की टीम में सात उपाध्यक्ष, आठ महासचिव और 24 सचिव वाली कार्यकारिणी की सूची जारी की है.

इन्हें बनाया उपाध्यक्ष 

कार्यकारिणी में गोविंद राम मेघवाल, हरिमोहन शर्मा, डॉ जितेन्द्र सिंह, महेन्द्रजीत सिंह मालवीय, नसीम अख्तर इंसाफ, राजेन्द्र चौधरी और रामलाल जाट को शामिल किया गया है. 

ये बनाए गए महासचिव

महासचिव के रूप में जीआर खटाना, हाकिम अली, लाखन मीना, मांगीलाल गरासिया, प्रशांत बैरवा, राकेश पारीख, रीटा चौधरी, वेद सोलंकी को शामिल किया गया है.

ये बनाए गए सचिव

कार्यकारिणी में 24 सचिवों की घोषणा की गई है. इनमें भूराराम सिरवी, देशराज मीणा, गजेन्द्रसांखला, जसवंत गुर्जर, जिया उर रहमान, ललित तुनवाल, ललित यादव, महेन्द्र खेड़ी, महेन्द्र सिंहगुर्जर, मुकेश वर्मा, निंबा राम गरासिया, फूल सिंह ओला, प्रशांत शर्मा, प्रतिष्ठा यादव, पुष्पेन्द्र भारद्वाज, राजेन्द्र मूंद, राजेन्द्र यादव, राखी गौतम, रा​मसिंह कस्वां, रवि पटेल, सचिन सरवते, शोभा सोलंकी, श्रवण पटेल और विशाल जांगिड़ को शामिल किया गया है. 

पायलट गुट को मिली तवज्जो

कार्यकारिणी में पायलट गुट के नेताओं को भी जगह मिली है. इनमें उन विधायकों के नाम भी शामिल हैं जो गहलोत और पायलट के बीच चलने सत्ता संग्राम के दौरान पायलट के साथ बाड़ेबंदी में रहे थे. इसमें वेद प्रकाश सोलंकी, जीआर खटाना, राकेश पारीक, गजेंद्र सिंह शक्तावत सहित अन्य शामिल हैं.

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इनके अलावा पायलट के साथ कार्यकारिणी में काम कर चुके कुछ पदाधिकारियों को फिर से कार्यकारिणी में शामिल किया गया है. महेंद्र सिंह खेड़ी, प्रशांत शर्मा और राजेन्द्र चौधरी जैसे पायलट के प्रबल समर्थकों को भी जगह दी गई है. पायलट के कई ऐसे समर्थकों को भी कार्यकारिणी में जगह मिली है, जिन्होंने पायलट को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने के बाद अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था. पायलट समर्थकों को इस कार्यकारिणी में जगह मिलने से यह साफ हो गया कि कांग्रेस आलाकमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को साथ लेकर चलना चाह रहा है. 

महिलाओं को मिली जगह 

कार्यकारिणी में पांच महिलाओं को जगह मिली है. इनमें बतौर उपाध्यक्ष नसीम अख्तर इंसाफ, महासचिव में रीटा चौधरी, सचिव में  प्रतिष्ठा यादव, राखी गौतम और शोभा सोलंकी का नाम शामिल किया गया है.

11 विधायकों को मिली जगह 

प्रदेश कार्यकारिणी में 11 विधायकों को जगह मिली है. कार्यकारिणी में गोविंद राम मेघवाल, महेंद्रजीत मालवीय, रामलाल जाट, वेद प्रकाश सोलंकी, जीआर खटाना, लाखन मीना, हाकिम अली, जितेंद्र सिंह, प्रशांत बैरवा, राकेश पारीक, रीटा चौधरी, को शामिल किया गया है.

एक भी मंत्री को नहीं मिली जगह

प्रदेश कार्यकारिणी में सरकार के किसी मंत्री को शामिल नहीं किया गया है. कार्यकारिणी में मंत्रियों को जगह नहीं मिलने से संकेत मिल रहे हैं कि पार्टी एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत को लेकर आगे बढ़ने के मूड में है, ताकि सत्ता और संगठन के दायित्वों को ठीक से निभाया जा सके.

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गुट बदलने वालों को भी तरजीह

राजस्थान कांग्रेस की सूची में महेंद्र तीन सिंह मालवीय, डॉक्टर जितेंद्र सिंह और प्रशांत बैरवा जैसे विधायक हैं जो पहले सचिन पायलट के साथ थे. मगर सियासी झगड़े में अशोक गहलोत के साथ चले गए थे. वैसे यह सजा है या इनाम कोई समझ नहीं पा रहा है, क्योंकि उन्हें लगा था कि राजनीतिक नियुक्ति या मंत्रिमंडल में कोई जगह मिलेगी पर संगठन में जगह मिलने से यह लोग मायूस ही होंगे. पायलट को हटाए जाने से नाराज गुर्जरों को मनाने के लिए कांग्रेस के संगठन की सूची में गुर्जरों को भरपूर तरजीह मिली है.


 

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