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सत्‍यपाल मलिक बोले- 'जिन्होंने मुझे राज्यपाल बनाया, उन्हें मेरे बोलने से दिक्‍कत हुई तो दे दूंगा इस्‍तीफा'

Meghalaya Governor Satya Pal Malik on Farmers Protest: मेघालय के गवर्नर सत्‍यपाल मलिक ने कहा जानवर के मरने पर भी दिल्‍ली के नेता शोक संदेश जारी कर देते हैं, 600 किसान मर गए लेकिन उनके लिए लोकसभा में प्रस्‍ताव पारित नहीं किया.

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Meghalaya Governor Satya Pal Malik
Meghalaya Governor Satya Pal Malik
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जयपुर में केंद्र सरकार पर साधा निशाना
  • जानवर के मरने पर नेता जताते हैं शोकः मलिक

Meghalaya Governor Satya Pal Malik on Farm Laws in Jaipur: मेघालय के राज्‍यपाल सत्‍यपाल मलिक ने आज किसान आंदोलन का समर्थन किया. वह रविवार को जयपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. सत्‍यपाल मलिक ने कहा कि किसान आंदोलन में लोग मर गए, लेकिन ये (नेता) कुछ नहीं बोले.  उन्‍होंने कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि मैं किसानों के धरने पर आकर बैठ जाऊंगा. 

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मेघालय के राज्‍यपाल ने कहा कि किसानों के जो मुद्दे हैं, अगर मैं कुछ बोलूंगा भी तो उस पर विवाद हो जाएगा. बोले- 'गवर्नर को हटाया नहीं जा सकता है , लेकिन मेरे जो शुभचिंतक हैं जो इस तलाश में रहते हैं कि ये कुछ बोले और हटे'.

उन्‍होंने कहा कि मुझे दिल्‍ली में बैठे दो-तीन लोगों ने गवर्नर बनाया है, किसानों के प्रति बोलने पर उन्‍हें दिक्‍कत होगी, मुझे इस बात का अंदाजा है. लेकिन अगर वो कहेंगे कि हमें दिक्‍कत है तो मैं एक मिनट भी अपना पद छोड़ने में नहीं लगाऊंगा. 

सत्‍यपाल मलिक ने ये भी कहा कि इतना लंबा आंदोलन देश में कभी भी नहीं चला है. जिसमें 600 किसान शहीद हो गए हों. कुतिया भी मरती है तो दिल्‍ली के नेताओं का शोक संदेश जाता है. लेकिन 600 किसानों का प्रस्‍ताव लोकसभा में पास नहीं हुआ. 

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पहले भी कर चुके हैं मलिक किसानों का समर्थन 

इससे पहले भी मेघालय के राज्‍यपाल सत्‍यपाल मलिक किसानों का खुलकर समर्थन कर चुके हैं. उन्‍होंने पिछले महीने इंडिया टुडे टीवी के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई के साथ एक बातचीत में 3 कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध का खुलकर समर्थन किया था. उन्होंने इस बातचीत में कहा था कि किसान आंदोलन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत की है. साथ ही किसानों की मांगों को मानने की अपील भी की है.  

इस दौरान उन्‍होंने ये भी कहा था जो करना है वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को करना है. मैं दोनों से (प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ) कह चुका है कि कुछ  करिए नहीं तो नुकसान हो जाएगा. मुझे लगता है कि ब्यूरोक्रेसी में कुछ हैं, जो सरकार को भ्रम में डाल रहे हैं.  वहीं, कुछ महीने पहले उन्होंने ये भी कहा था कि दिल्ली से किसानों को अपमानित करके नहीं भेजा जाना चाहिए. तब सत्‍यपाल मलिक ने ये भी कहा था कि मैं सरदारों को जानता हूं, वे 300 सालों तक बातों को नहीं भूलते हैं. इस दौरान उन्‍होंने ये भी दावा किया था कि यदि एमएसपी कानून को दायरे में लाया गया तो वह इस कानून को खत्‍म करवा देंगे. 

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