राजस्थान के अलवर जिले के रामगढ़ में रकबर खान की मॉब लिंचिंग मामले में तीन दिन बाद राजस्थान सरकार ने अपनी लापरवाही मान ली है. इस मामले में 4 पुलिसकर्मियों पर एक्शन हुआ है. इसके तहत थाना इंचार्ज इंस्पेक्टर सुभाष सुभाष शर्मा को सस्पेंड कर दिया गया जबकि एएसआई मोहन चौधरी समेत 3 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया है.
इन सबके बीच पुलिस के आला अधिकारियों ने आज घटनास्थल का दौरा भी किया और पूरे घटना की जानकारी ली. एडीजी अनार के रेड्डी के नेतृत्व में अलवर गई पुलिस टीम ने अपनी पूरी रिपोर्ट राजस्थान के डीजीपी को दे दी है. उसके बाद प्राथमिक रूप से पुलिसकर्मियों को लापरवाही में दोषी मानते हुए सजा दी गई है.
वहीं अब अलवर कांड की जांच जयपुर के एसपी क्राइम और विजिलेंस करेंगे और तीन दिनों में यह रिपोर्ट राजस्थान सरकार को दी जाएगी.
उधर, रामगढ़ के बीजेपी विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने आजतक के कैमरे पर माना कि हमारे कार्यकर्ताओं ने रकबर खान को पकड़कर चार-पांच थप्पड़ मारे थे. उसके बाद पुलिस को सौंप दिए. अब वह हार्ट अटैक से मरा या कैसे मरा, ये तो जांच का विषय है.
आहूजा ने कहा कि गाय हमारी माता है और मां की कोई तस्करी करे तो लोगों में गुस्सा जाहिर है. ये बड़े पैमाने पर गौ तस्करी करते हैं, लेकिन पुलिस इनको कुछ नही करती है. पुलिस की नाकामी की वजह से जनता में गुस्सा होता है. पुलिस ने गलत एफआईआर दर्ज की है जिन लोगों को पकड़ा है उन्हें तो थाने में फोनकर बुलाया था.
कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने आरोप लगाया कि राज्य में सरकार की सरपरस्ती में मॉब लिंचिंग की घटनाएं हो रही हैं और इन सबके लिए सरकार जिम्मेदार है, जो एंटी सोशल लोगों पर कार्रवाई नहीं करती है. एक व्यक्ति को भीड़ पीट-पीट कर मार देती है और सरकार कुछ नहीं करती है. सरकार गुंडा तत्वों को संरक्षण दे रही है.
सचिन ने कहा कि बीजेपी विधायक ज्ञानदेव आहूजा से पुलिस को पूछताछ करनी चाहिए कि आखिर कैसे उन्हें इस घटना की पूरी जानकारी है. कहीं उनकी संलिप्ता तो नहीं है.