नरेंद्र मोदी भले ही खुद को प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के रूप में घोषित कराने की जल्दी में हो, लेकिन राज्यों के क्षत्रपों में मोदी को नेता मानने को लेकर संशय देखा जा सकता है. मोदी खेमा जयपुर की रैली को मोदी की रैली के रूप में प्रचारित कर रहा है, लेकिन वसुंधरा राजे ने रैली में आने के लिए बीजेपी कार्यकर्ताओं और राज्य की जनता के नाम जो पांच लाख चिट्ठियां लिखी हैं उसमें मोदी का जिक्र तक नही है. कुछ बीजेपी नेता तो ऐसे हस्यास्पद बयान दे रहे हैं कि चिट्ठी लिखने तक मोदी का आना पक्का नही था.
कहा गया था कि नरेंद्र मोदी जयपुर के अमरूदों का बाग से राजस्थान विधानसभा की चुनावी रणभेरी का बिगुल बजाएंगे. लेकिन राजस्थान का वसुंधरा खेमा इस तैयारी में है कि कहीं ऐसा न हो कि मोदी, वसुंधरा के आगे रैली की सफलता का सेहरा लूट ले जाएं. बैनर-पोस्टरों और होर्डिंग्स में इस बात का पूरा ध्यान रखा जा रहा है कि ये रैली वसुंधरा की ही हो. जिसमें गुजरात के मुख्यमंत्री की हैसियत से नरेंद्र मोदी शामिल हों.
वसुंधरा ने पांच लाख चिट्ठियां लिखीं हैं और कार्यकर्ता घूम-घूमकर लोगों के नाम लिखकर रैली में आने के लिए निमंत्रण की तरह बांट रहे हैं. लेकिन इसमें कहीं भी नरेंद्र मोदी का नाम नही है. वसुंधरा की इस चिट्ठी में लोगों को समझाया गया है कि रैली में वो क्यों आएं.
हालांकि ये अलग बात है कि लोगों में मोदी के ही नारे लग रहे हैं. सड़कों और रैली की जगह लगे बैनर-पोस्टरों में वसुंधरा के बड़े-बड़े कटआउट लगे हैं लेकिन नरेंद्र मोदी अन्य नेताओं के साथ ही हैं. इससे पहले वसुंधरा राजे ने कहा कि अन्य राज्य के मुख्यमंत्री पहले आ चुके हैं और इस रैली में अब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हो रहे हैं. कहीं मोदी नाराज न हो जाएं, इसलिए वसुंधरा खेमे के नेता अब सफाई दे रहे हैं कि रैली में मोदी का आना देरी से तय हुआ जबकि तैयारी पहले हो गई थी.
गौरतलब है कि इसके पहले भी मोदी के राजस्थान नहीं आने पर सवाल उठते रहे हैं और इसे वसुंधरा और मोदी के बीच कद की टकराहट के रूप में देखा जा रहा है. वसुंधरा समर्थकों ने साफ कहा था कि राजस्थान में तो वसुंधरा का ही चादू चलेगा.