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जयपुर के अस्पताल में मदर मिल्क बैंक

राजस्थान की राजधानी स्थित महात्मा गांधी अस्पताल (एमजीएच) में जल्द ही एक मदर मिल्क बैंक होगा. एमजीएच के अतिरिक्त अधीक्षक आर.सी.गुप्ता ने कहा, 'इस संबंध में एक गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) इनाया फाउंडेशन के साथ पहले ही हम एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर चुके हैं.'

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राजस्थान की राजधानी स्थित महात्मा गांधी अस्पताल (एमजीएच) में जल्द ही एक मदर मिल्क बैंक होगा. एमजीएच के अतिरिक्त अधीक्षक आर.सी.गुप्ता ने कहा, 'इस संबंध में एक गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) इनाया फाउंडेशन के साथ पहले ही हम एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर चुके हैं.'

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एमजीएच की प्रबंधन समिति के सदस्य विकास स्वर्णकार ने कहा, 'इनाया फाउंडेशन की सहायता से हमने अपने अस्पताल में अमृत मदर मिल्क बैंक की स्थापना की शुरुआत की है और आशा है कि अगले दो महीनों में यह शुरू हो जाएगा.' राजस्थान में इस तरह का यह दूसरा मदर मिल्क बैंक होगा. राज्य के पहले मदर मिल्क बैंक का शुभारंभ अप्रैल 2013 में जयपुर से 400 किलोमीटर दूर उदयपुर के एक सरकारी अस्पताल में किया गया था.

इनाया फाउंडेशन की सचिव नितिशा शर्मा ने कहा, 'मदर मिल्क किसी विशेष परिस्थिति में जन्मे बच्चे की जान बचा सकता है. यह दुर्घटना का शिकार हुए किसी व्यक्ति को रक्तदान जैसा ही है, जिसकी उसे तत्काल जरूरत पड़ती है.' इनाया फाउंडेश के परियोजना सहायक राजेंद्र मिश्रा ने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि प्रदेश के 42 फीसदी नवजात कुपोषण के शिकार हैं और उन्हें मदर मिल्क की जरूरत है.

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मिश्रा ने कहा, 'हालांकि स्तनपान कराने तथा मदर मिल्क के दान से नवजातों की मौत में 22 फीसदी की कमी आई है. यदि बच्चे को स्तनपान कराया जाता है, तो उसके बचने की संभावना छह गुना तक बढ़ जाती है.' नितिशा ने कहा कि दूध लेने के पहले वह महिला की रक्त जांच करवाती हैं और दूध में जीवाणु वगैरह की जांच की जाती है. उन्होंने कहा कि राज्य के अन्य अस्पतालों ने भी इस तरह के बैंक के स्थापना की ओर रुचि दिखाई है और इस साल शहर में ऐसे दो-तीन बैंक होंगे.

इनपुट आईएएनएस से...

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