राजस्थान के मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में पिछले 15 दिन के अंदर दो बाघ की मौत हो गई है. इससे रणथंभौर से मुकुंदरा टाइगर रिजर्व ले जाकर बाघ बचाने की योजना को झटका लगा है. इस मामले में वन अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने पर हैरानी जताते बाघ बचाने की सरकार की मंशा पर भी सवाल उठने लगे हैं.
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जानकारी के मुताबिक कोटा के मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में जिस बाघिन एमटी-2 की मौत हुई है, उसने कुछ दिनों पहले ही शावकों को जन्म दिया था. एमटी-2 की मौत को लेकर वन्य अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. वन अधिकारियों ने कहा कि बाघिन की मौत क्यों और कैसे हुई, इस संबंध में जानकारी पोस्टमॉर्टम के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी.
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बताया जाता है कि बाघिन एमटी-2 बेवड़ा तलाई में मृत मिली. इसी इलाके में कुछ दिन पहले ही एक बाघ की भी मौत हुई थी. इस घटना को हाड़ौती के पर्यटन और जंगल सफारी के लिए झटका माना जा रहा है. पिछले दिनों इस बाघिन ने दो शावकों को जन्म दिया था. वन विभाग के मुताबिक इनमें से एक शावक कहां है, इसकी ही जानकारी मिल पा रही है. दूसरे शावक को लेकर अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता. बाघिन की मौत से वन्य जीव प्रेमी दुखी हैं.
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गौरतलब है कि राज्य सरकार ने मुकुंदरा को टाइगर रिजर्व घोषित किया है. सरकार की योजना है कि रणथंभौर से बाघ लाकर यहीं संरक्षित किया जाए. लेकिन एक के बाद एक, दो बाघ की मौत के बाद वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यशैली के साथ ही सरकार की मंशा पर भी सवाल उठने लगे हैं. वन्य जीव प्रेमियों ने वन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.