पूर्व केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने रविवार को कहा कि तमाम आरोपों और उकसावों व देशभक्ति पर उठने वाली उंगलियों के बावजूद मुसलमानों को भारत अपना घर लगता है. जयपुर साहित्य महोत्सव में खुर्शीद ने कहा, ‘भारतीय इतिहास में मुसलमानों ने अहम भूमिका निभाई है और वह आधुनिक भारत में भी निभा रहे हैं. मेरा मानना है कि एक समाज और एक परिवार के रूप में हम तब तक इन चीजों का हल खोज रहे थे जब तक कुछ लोगों ने तुष्टीकरण, अनुचित भेदभाव और वोट आदि के लिए किसी के प्रति झुकाव आदि के रूप में इस पर सवाल उठाना शुरू नहीं किया, इसके बावजूद भारत मुसलमानों को अपने घर जैसा लगता है.’
पत्नी लुईस खुर्शीद के साथ सलमान खुर्शीद अपनी पुस्तक ‘एट होम इन इंडिया : द मुस्लिम सागा’ के विमोचन पर आए हुए थे. खुर्शीद ने कहा, लोगों को लगता है कि हिन्दू और मुसलमान समाज के दो धड़े हैं. अल्पसंख्यक या बहुसंख्यक. यह सही नहीं है. यह पुस्तक हम सभी के एक परिवार होने के बारे में है और सिर्फ सामान्य रूप में नहीं बल्कि इसलिए क्योंकि हम सभी जुड़े हुए हैं और ऐसी कई बातें जो मुसलमान देखते हैं या जिनका वह सामना करते हैं, उनके बारे में परिवार के लोगों को पता ही नहीं है.
उन्होंने 2005 में गठित सच्चर समिति की रिपोर्ट का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद मुसलमानों की स्थिति और उसमें सुधार हेतु पहली बार आधिकारिक प्रमाणिक रिपोर्ट यही थी. उन्होंने कहा, ‘यहां मेरा दावा है कि यह सही नहीं है, लेकिन अगर यह सही नहीं है तो सभी भारतीयों को समझना होगा कि जो भी करने की जरूरत है वह हर देशवासी की जिम्मेदारी है सिर्फ मुसलमानों की नहीं.’ खुर्शीद ने कहा, रणनीतिक रूप से देखें तो मुसलमानों के बजाए दूसरा उनके लिए बोले तो वह ज्यादा बेहतर होगा. यही तरीका है और इसलिए मैंने यह पुस्तक लिखी है.
- इनपुट भाषा से