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जयपुर में मूक-बधिर नाबालिग छात्राओं से रेप

हिन्दुस्तान में लड़कियों से हैवानियत कब रुकेगी? हिलाने वाली खबर जयपुर की है. खुलासा हुआ है कि यहां एक सरकारी अनाथालय की मूक बधिर नाबालिग लड़कियों को महीनों से बनाया जा रहा था हवस का शिकार.

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हिन्दुस्तान में लड़कियों से हैवानियत कब रुकेगी? हिलाने वाली खबर जयपुर की है. खुलासा हुआ है कि यहां एक सरकारी अनाथालय की मूक बधिर नाबालिग लड़कियों को महीनों से बनाया जा रहा था हवस का शिकार.

जयपुर के समाज कल्याण विभाग के अनाथालय में वो इसलिए आईं कि उसकी जिंदगी संवर सकें. ईश्वर के भेदभाव से वो काबिलियत और अपनी मेहनत के दम पर उबर सकें लेकिन आरोप सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे.

जयपुर के समाज कल्याण विभाग की अनाथालय में रहने वाली नाबालिग मूक बधिर छात्राओं से पिछले एक साल से किया जा रहा था बलात्कार.
आरोप है कि स्पीच थेरेपी के नाम पर एक स्वयंसेवी संस्थान में ले जाकर नाबालिग बच्चियों को बनाया जाता था हवस का शिकार.

जयपुर के इस अनाथालय में करीब 100 नाबालिग बच्चे रहते हैं. इनमें से 20 लड़कियों को स्पीच थेरेपी के लिए जयपुर के कनोता में आवाज फाउंडेशन नाम की स्वय सेवी संस्था के पास भेजा जाता था लेकिन वहां उनके साथ जिस तरह की घिनौनी हरकत की जाती थी, वो सुनकर आप दंग रह जाएंगे.

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पिछले 30 अप्रैल को एक लड़की ने जोर जबरदस्ती का विरोध किया तो उसकी पिटाई हो गई और फिर जाकर मामला खुला. एक लड़की ने चोट की शिकायत की तो 5 लड़कियों ने अपने साथ हुए बलात्कार और छेड़छाड़ की हैवानियत का दर्द उगल दिया. इनमें से पांच लड़कियों ने गलत काम करने और छेड़छाड़ की बात कही है.

बच्चियों की शिकायत के बाद पहले तो पुलिस ने मेडिकल टेस्ट करवाया फिर चौंकाने वाले सेक्स रैकेट का खुलासा कर दिया. केस में फिलहाल वार्डन, एनजीओ संचालक, एनजीओ संचालक की पत्नी समेत 5 की गिरफ्तारी हो चुकी है, दो की तलाश की जा रही है.

हैरानी की बात है कि इसी अनाथालय में सात साल पहले एक नाबालिग बच्ची के गर्भवती होने का मामला हुआ था लेकिन उस वक्त के अधिकारी के खिलाफ अभी तक जांच पूरी नहीं हुई.

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