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श्रीनगर में शहीद ईश्वर सिंह का किया गया अंतिम संस्कार, माता-पिता बोले - पोते भी सेना में जाएंगे

ईश्वर सिंह के अंतिम संस्कार के दौरान हजारों की संख्या में ग्रामीण, प्रशासनिक अधिकारी व जनप्रतिनिधि अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की. ईश्वर सिंह को सेना की तरफ से गॉर्ड ऑफ आनर दिया गया.

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शहीद को आखिरी सलाम
शहीद को आखिरी सलाम

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जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में 12 नवंबर को शहीद हुए लांसनायक ईश्वर सिंह को मंगलवार को पंचतत्व में विलीन कर दिया गया, जहां उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया. शहीद ईश्वर सिंह के माता-पिता ने कहा कि वह अपने पोतों को भी फौज में भेजगें. लांसनायक ईश्वर सिंह 1871 फील्ड रेजीमेंट में तैनात थे, जहां आतंकियों के खिलाफ चले एक ऑपरेशन के दौरान वह शहीद हुए

ईश्वर सिंह के अंतिम संस्कार के दौरान हजारों की संख्या में ग्रामीण, प्रशासनिक अधिकारी व जनप्रतिनिधि अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की. ईश्वर सिंह को सेना की तरफ से गॉर्ड ऑफ आनर दिया गया. सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष प्रेमसिंह बाजौर ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की ओर से शहीद परिवार को 65 लाख रुपये व अन्य सभी सुविधाएं दी जाएगीं.

मां को कहा था जल्द आउंगा घर
ईश्वरसिंह 2003 से सेना मे भर्ती हुआ थे, पांच भाइयों में सबसे छोटे ईश्वरसिंह के दो बेटे हैं. ईश्वर सिंह की मां बीमार है रहती है उसने 6 दिन पहले फोन करके अपनी मां को बताया था कि वह जल्दी ही छुट्टी लेकर आ रहा है, इस दौरान बड़े भाई के साथ जाकर इलाज करवाये. आज शहीद का पार्थिव देह श्रीनगर से उनके पैतृक गांव मुन्दीताल पहुंचा जहां शहीद के पार्थिव देह का राजकीय सम्मान के साथ गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया.

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शहीद होने की सूचना मिलते ही पूरे गांव में माहौल गमगीन हो गया ,शहादत की अंतिम यात्रा में हजारों लोगों ने नम आंखों से विदाई दी. शहीद के दोनों बेटों ने अपने पिता को मुखाग्नि दी. ग्रामीणों और स्कूली बच्चों ने शहीद की अंतिम यात्रा में पुष्प बरसाये.

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