कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से कई लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. राजस्थान में भी कोरोना का भयंकर कोहराम देखने को मिला था. अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी थी और बेड मिलना भी मुश्किल हो रहा था. अब उस मुश्किल समय में राजस्थान की गहलोत सरकार द्वारा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे गए थे. ऑक्सीजन की बढ़ती डिमांड को पूरा करने का प्रयास था. लेकिन अब उस प्रयास पर बीजेपी ने सवाल खड़े कर दिए हैं.
बीजेपी का आरोप- ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खरीद में घपला
अजमेर से बीजेपी विधायक अनीता भदेल ने राज्स सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनकी तरफ से बताया गया है कि उन्होंने अपने MLA फंड से 25 लाख रुपये दान किए थे. उन्होंने वो रुपये ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खरीद के लिए दिए थे. लेकिन विधायक बताती हैं कि सरकार ने 20 मई तक कोई ऑक्सीजन कंसंट्रेटर नहीं खरीदा था. वहीं उनका आरोप तो ये भी है कि सरकार ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खरीदी तब की जब कोरोना के मामले कम होने लगे. विधायक की तरफ से इस बात पर भी जोर दिया गया कि सरकार द्वारा 10 लीटर की जगह 2 लीटर वाले ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे गए.
I approved Rs 25 lakh from my MLA fund for the procurement of oxygen concentrators in April but till May 20 the purchase didn't happen. They bought it when COVID cases started decreasing during the second wave: BJP MLA from Ajmer South, Anita Bhadel (02.07)#Rajasthan pic.twitter.com/4knxzq5D3G
— ANI (@ANI) July 3, 2021
सरकार ने दी सफाई
अब इन गंभीर आरोप पर राजस्थान सरकार की तरफ से भी जवाब दिया गया है. सरकार ने साफ कर दिया है कि उनकी तरफ से खरीद के दौरान पूर्ण पारदर्शिता दिखाई गई है. ऐसे में किसी भी तरह की गड़बड़ी का आरोप निराधार है. इस बारे में चिकित्सा सचिव सिद्धार्थ महाजन ने विस्तार से बताया है. उन्होंने कहा है कि एक समाचार पत्र द्वारा 5 एलपीएम आक्सीजन कंसंट्रेटर की तुलना 10 एलपीएम वाले आक्सीजन कंसंट्रेटर से कर भम्र फैलाने का प्रयास किया गया. जानकारी दी गई कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खरीद सीएमएचओ के स्तर से हुई थी.
वहीं सरकार ने ये भी बताया कि उनकी तरफ से कम रेट में तमाम ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे गए थे. कुछ आंकड़ों के जरिए राज्य सरकार ने बताया है कि 5 एलपीएम वाले आक्सीजन कंसंट्रेटर की दर जीएसटी के साथ 1 लाख 10 हजार रुपए थी. वहीं 10 एलपीएम वाले कंसंट्रेटर की दर जीएसटी के साथ 1 लाख 55 हजार रुपए प्राप्त हुई. नेगोशिएशन के बाद यह दर 5 एलपीएम वाले कंसंट्रेटर के लिए जीएसटी के साथ 51 हजार 700 रुपए रह गई और 10 एलपीएम वाले कंसंट्रेटर के लिए 79 हजार 95 से लेकर 85 हजार अनुमोदित हुई.
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क्वालिटी के सवाल पर सरकार की दो टूक
सरकार पर आरोप तो ये भी लगा है कि खराब क्वालिटी के ऑक्सीनज कंसंट्रेटर खरीदे गए थे. अब इस पर भी सरकार की तरफ से दो टूक जवाब आया है. फिर उन्होंने कुछ समाचार पत्रों पर निशाना साधते हुए उन पर भ्रामक खबर फैलाने का आरोप लगा दिया है. इस मुद्दे पर सरकार ने तर्क दिया है कि राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कारपोरेशन द्वारा उपकरणों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय मानकों का पालन किया गया था. वहीं सरकार ने इस बात पर भी जोर दिया है कि उनकी बनाई समिति द्वारा पहले तमाम कंसंट्रेटर की गुणवक्ता चेक की गई थी और उसके बाद ही जिलों में उनका वितरण हुआ.