कोरोना एक ओर विकराल रूप धारण करता जा रहा है तो दूसरी ओर अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी किल्लत है. इस बीच राजस्थान के भिवाड़ी प्लांट के बाहर राज्यों के अधिकारी ऑक्सीजन टैंकर लेकर पहुंच रहे हैं और वहां देरी होने पर हंगामा भी हो रहा है.
खास बात यह है कि राजस्थान पुलिस ने भिवाड़ी प्लांट को अपने कब्ज़े में ले रखा है जबकि भारत सरकार ने इसका अधिग्रहण किया है.
भिवाड़ी में ऑक्सीजन प्लांट के बाहर अस्पतालों के टैंकरों का तांता लगा हुआ है. ऑक्सीजन के लिए ऐसी मारामारी है कि राज्यों के अधिकारी ऑक्सीजन टैंकरों के साथ भिवाड़ी पहुंच रहे हैं ताकि टैंकर भरवाने में देरी नहीं हो और रास्ते में टैंकरों के जाने में कोई रुकावट ना हो.
देरी पर हो रहा हंगामा
हालात को काबू में रखने के लिए राजस्थान सरकार ने अस्थायी थाना प्लांट के बाहर बना दिया है. ऑक्सीजन प्लांट को पुलिस ने अपने कब्जे में ले रखा है और मौके पर अधिकारियों की तैनाती की गई है.
भारत सरकार ने राजस्थान के इस प्लांट का अधिग्रहण कर कल यहां से मध्य प्रदेश, गुजरात और दिल्ली भी ऑक्सीजन भेजना शुरू कर दिया है.
इस बीच आरोप लग रहे हैं कि राजस्थान सरकार अपना टैंकर पहले भर रही है और उसके बाद दूसरे राज्यों के ऑक्सीजन का टैंकर भरे जा रहे हैं. दिल्ली से आए ऑक्सीजन टैंकरों ने भिवाड़ी में इसके खिलाफ जमकर हंगामा मचाया और कहा कि वहां पर अस्पतालों में इमरजेंसी है मगर ऑक्सीजन भरने में देरी की जा रही है.
राजस्थान के अधिकारियों का कहना है कि 24 घंटे टैंकर भरने का काम चल रहा है और इसमें जैसे ही प्राथमिकता के आधार पर निर्देश मिलते हैं. टैंकरों को भरा जाता है. ऑक्सीजन टैंकरों को पुलिस के पहरे में रवाना किया जा रहा है ताकि बीच में कहीं ऑक्सीजन की लूट न हो.
सुरक्षा के लिहाज से पुलिसः DM
अलवर के जिला कलेक्टर नथमल पहाड़िया ने कहा कि आज सबसे ज्यादा जरूरत ऑक्सीजन की है. सुरक्षा के लिहाज से पुलिस लगाई गई है. प्लांट पर भी पुलिस के पहरे के बीच वरिष्ठ आरएएस अधिकारी कमलराम मीना मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
गौरतलब है कि राजस्थान सरकार ने आरोप लगाया है कि यहां से 12 सौ मीट्रिक टन ऑक्सीजन दूसरे राज्यों को भेजा जा रहा है जबकि राजस्थान का कोटा काटकर 60 मैट्रिक टन कर दिया गया है जो कि गलत है.