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पद्मावती के विरोध में भीलवाड़ा बंद, प्रदर्शनकारियों पर पुलिस का लाठीचार्ज

उत्पात के बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों में जमकर झड़प हुई. यहां सुभाष नगर कोतवाली और भीमगंज थाना पुलिस ने इन युवकों पर जमकर लाठियां भी भांजी.

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फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन
फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन

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फिल्‍म पद्मावती की रिलीज भले ही टल गई हो लेकिन इसे लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. फिल्म के विरोध में सर्व समाज मेवाड़ क्षेत्रीय महासभा और करणी सेना ने शनिवार को  भीलवाड़ा बंद बुलाया था, जिसका असर देखने को मिल रहा है. भीलवाड़ा शहर के साथ-साथ मण्‍डल और हमीरगढ कस्‍बे भी पूरी तरह से बंद हैं. प्रदर्शन के दौरान कुछ उत्‍पाती युवकों ने मिलन टॉकिज रोड और शाम की सब्‍जी मण्‍डी में तोड़फोड़ को अंजाम दिया.

उत्पात के बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों में जमकर झड़प हुई. यहां सुभाष नगर कोतवाली और भीमगंज थाना पुलिस ने इन युवकों पर जमकर लाठियां भी भांजी. बंद समर्थकों को निजी स्‍कूल, मेडिकल स्‍टोर एसोसिएशन और पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने भी अपना सां‍केतिक समर्थन दिया है. बंद समर्थक सुबह से ही टोलियों में केसरिया झण्‍डों के साथ बाजारों और कॉलोनियों में घूम रहे हैं. पुलिस ने भी उपद्रवियों से निपटने के लिए सुरक्षा का चाक-चौबंद बंदोबस्‍त कर रखा है.

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दिल्ली में भी हुआ प्रदर्शन

दिल्ली के आजादपुर में भी पद्मावती फिल्म के विरोध में जबरदस्त प्रदर्शन हुआ. इस दौरान हंगामा करते हुए सड़क जाम कर दी गई. फिल्म के विरोध में केसरिया झंडे लेकर सैकड़ों प्रदर्शनकारी सड़क पर सुबह से ही जुट गए थे. इस दौरान फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली का पुतला भी फूंका गया. राष्ट्र चेतना मंच के बैनर तले ये प्रदर्शनकारी जुटे थे. प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे राजपूत समाज के नेता प्रमेश चौहान ने कहा, जब तक फिल्म से आपत्तिजनक सीन हटाया नहीं जाता और फिल्म उनके समाज को नहीं दिखाई जाती तब तक फिल्म को दिल्ली में रिलीज नहीं होने देंगे.

क्यों बढ़ा विवाद

फिल्म को लेकर राजपूतों से संगठन करणी सेना ने निर्देशक पर रानी पद्मावती की छवि खराब करने का आरोप लगाया है. इसके बाद निर्देशकर संजय लीला भंसाल और अभिनेत्री दीपिक पादुकोण को जान से मारने की धमकियां तक दी गईं. राजपूत संगठनों का आरोप है कि फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी को महिमामंडित किया गया है. खिलजी और रानी पद्मिनी के बीच ड्रीम सीक्वेंस फिल्माया गया है. रानी पद्मावती को उस तरह दिखाया गया जैसा राजपूत या राजपरिवारों में नहीं होता. साथ ही घूमर डांस में भी राजपूत समाज की गलत प्रस्तुति हुई है.

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