पंचायत आजतक में पहुंचे कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला और बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी में किसानों के मुद्दे पर जमकर जुबानी तीर चले. सुधांशु त्रिवेदी ने दावा किया कि बीजेपी सरकार आने से किसानों को फायदा हुआ है और किसानों की हालत सुधरी है. लोग यूरिया और डीएपी के लिए लंबी-लंबी लाइनें लगाते थे लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद कहीं ऐसा देखने को नहीं मिला. प्रदेशों के सीएम यूरिया के कोटे के लिए पीएम को लेटर लिखा करते थे लेकिन अब उसकी जरूरत खत्म हो गई है. इसका जवाब देते हुए रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने किसानों का यूरिया चोरी किया है. पहले यूरिया की जो बोरी 50 किलो की आती थी उसे सरकार ने 45 किलो का कर दिया. यूरिया के दाम भी बढ़ा दिए जिससे किसानों के हजारों करोड़ रुपये सरकार की जेब में चले गए.
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यूरिया को नीमकोटेड कर देने से इसकी कालाबाजारी में कमी आई. इसका जवाब देते हुए रणदीप सिंह सुरजेवाला ने उन्हें याद दिलाया कि यूरिया को नीमकोटेड करने का काम मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार ने शुरू कर दिया था. जब हमने सरकार छोड़ी तो 47 फीसदी यूरिया नीमकोटेड था. सुरजेवाला ने यहां तक कह दिया कि झूठ इतना बोलिए कि हजम हो. बीजेपी प्रवक्ता ने फसल बीमा की बात की इस पर भी सुरजेवाला ने उन्हें घेर लिया. त्रिवेदी ने दावा किया था कि किसी ऐसे किसान का नाम बता दिजिए जिसने कहा हो कि चाहने के बावजूद उसे फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिला.
इस पर सुरजेवाला ने कहा कि फसल बीमा मोदी सरकार का सबसे बड़ा धोखा है. इन्होंने अपने घोषणापत्र में 250 करोड़ का स्टार्टअप फंड किसानों के लिए जारी किया, लेकिन राज्य में 5 करोड़ किसान हैं. यानी एक किसान के पास सिर्फ 50 रुपए ही आते हैं. उन्होंने कहा कि यहां के किसान ने 4500 करोड़ का प्रीमियम दिया, इसमें सिर्फ प्राइवेट कंपनियों को फायदा हुआ. झूठ इतना बोलिए कि हजम हो, क्योंकि यह राजस्थान की भूमि है, यहां ये नहीं चलता है, यह रणबांकुरों की भूमि है.
कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि अडानी और अन्य कंपनियों से बीजेपी सरकार ने 38 हजार करोड़ रुपए की बिजली खरीदी जो कि सरकारी रेट से 250 फीसदी ज्यादा है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में इसे 'कर्ज लेकर घी पिया तो क्या किया' कहते हैं. उन्होंने कहा कि आज राजस्थान का किसान परेशान है. सड़कें टूटी हुई हैं.
सुरजेवाला ने कहा कि राजस्थान के 62 फीसदी किसान कर्ज से दबे हैं. मोदी जी कहते हैं उनकी सरकार के पास पैसे नहीं है लेकिन उद्योगपतियों का 3 लाख 17 हजार करोड़ रुपया माफ कर दिया. लहसुन 2 रुपये किलो बिक रहा है. न्यूनतम समर्थन मूल्य भी किसानों के साथ धोखा है. गेहूं, बाजरा का भी यही हाल है. बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने यह फैसला किया कि किसान की फसल खड़ी रहे या खेत में पड़ी रहे, कोई आपदा आती है और एक तिहाई फसल भी बर्बाद होती है तो किसान को फसल बीमा का लाभ मिलेगा.
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