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BJP में बगावत ज्यादा क्योंकि हम सत्ता में आ रहे हैं: प्रकाश जावड़ेकर

राजस्थान में 7 दिसंबर को मतदान होना है, जिससे पहले राजधानी जयपुर में पंचायत आजतक का आयोजन किया गया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने वसुंधरा राजे सरकार के काम गिनाते हुए फिर से बीजेपी की सत्ता में वापसी का भरोसा जताया.

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केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (फोटो-PIB)
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (फोटो-PIB)

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राजस्थान में मतदान की तारीख बेहद नजदीक है और इससे पहले राजधानी जयपुर में पंचायत आजतक के मंच पर नेताओं का जमावड़ा लगा है, जहां उनसे जनता से जुड़े सवाल पूछे जा रहे हैं. इसी कड़ी में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री और राजस्थान के चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर ने शिरकत की, जिसमें उन्होंने चुनाव से जुड़े सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर जवाब दिए.

इस अवसर पर इंडिया टुडे के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल ने जब उनसे पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी और टिकट बंटवारे के बाद बगावत पर सवाल किया तो उन्होंने बगावत की बात कबूल तो कर ली, लेकिन उम्मीद जताई कि इसका पार्टी को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा.

इतना ही नहीं, प्रकाश जावड़ेकर ने अपने जवाब में कहा कि बीजेपी में कांग्रेस से कम बगावत है. बगावत का कारण उन्होंने सत्ता वापसी को बताया. जावड़ेकर ने कहा, 'जो सत्ता में आता है, उसी के यहां बगावत होती है. ये जो बगावत हुई, उसमें से सैकड़ों लोगों ने अपने नाम वापस लिए हैं. सिर्फ मंत्री और विधायक लोग हैं, जो लड़ रहे हैं, उन्हें हमने निष्कासित कर दिया है.'

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प्रकाश जावड़ेकर ने उम्मीद जताई कि जनता बागी नेताओं को रोकेगी. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस हो या बीजेपी जनता किसी बगावती को पसंद नहीं करेगी.

कार्यकर्ताओं में नाराजगी पर क्या बोले जावड़ेकर

पार्टी के अंदर नाराजगी के सवाल पर जावड़ेकर ने कहा कि ऐसा नहीं है, कुछ वक्त पहले थोड़ा बातचीत का अभाव था, लेकिन अब बिल्कुल ऐसा नहीं है और पूरी टीम एकजुट है. उन्होंने बताया कि पार्टी के 10 लाख कार्यकर्ता पूरे राज्य में घर-घर गए हैं.

बता दें कि बीजेपी ने पार्टी से बगावत करने वाले मंत्रियों, विधायकों और पदाधिकारियों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया है. पार्टी से टिकट कटने के बाद बागी हुए इन नेताओं को नामांकन वापस लेने के लिए मनाया गया लेकिन जब नहीं माने तो 11 नेताओं को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया. बगावत पर निष्कासित नेताओं में वर्तमान सरकार के चार मंत्री भी शामिल हैं.

अलवर की रामगढ़ सीट से विवादित बयाने देने वाले विधायक ज्ञानदेव आहूजा का टिकट भी काट दिया गया है, जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है.

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