राजस्थान में 7 दिसंबर को मतदान होना है, जिससे पहले राजधानी जयपुर में पंचायत आजतक का आयोजन किया गया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने वसुंधरा राजे सरकार के काम गिनाते हुए फिर से बीजेपी की सत्ता में वापसी का भरोसा जताया.
इस मौके पर प्रकाश जावड़ेकर से राष्ट्रीय राजनीति के संबंध में भी सवाल किए गए. उनसे जब जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग होने से जुड़ा सवाल किया गया तो वह इस पर कोई जवाब नहीं दे पाए. जब उनसे पूछा गया कि अपनी पार्टी के इकलौते विधायक सज्जाद लोन के नेतृत्व में सरकार बनाने का काम कैसे किया जा सकता है, जिसे लेकर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भी दिल्ली की ओर इशारा किया. प्रकाश जावड़ेकर इस पर कुछ नहीं बोले और सिर्फ इतना कहा, 'बीजेपी कभी भी इस तरह के कम नहीं करती है. नहीं तो हमारी सत्ता थी, हम राज्यपाल को बता सकते थे. राज्यपाल जी ने असल में क्या कहा, उसकी मुझे जानकारी नहीं, मैं उनसे बात करूंगा.'
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी गठबंधन टूटने के बाद जून से ही राज्यपाल शासन लागू था, जिसकी मियाद दिसंबर में पूरी हो रही थी. इससे पहले ही राज्य में सत्ता के लिए जोड़-तोड़ और गठजोड़ की कोशिशें होने लगी थीं. एक तरफ जहां बीजेपी द्वारा सज्जाद लोन के नेतृत्व में सरकार बनाने की चर्चा हुई तो दूसरी तरफ कांग्रेस-पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस मिलकर सरकार गठित करने पर विचार कर रहे थे. इसी बीच राज्यपाल ने अचानक रातों-रात विधानसभा भंग करने का निर्णय लिया था.
अपने इस फैसले के बाद राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा था कि दिल्ली सज्जाद लोन को मुख्यमंत्री बनवाना चाहती थी. अगर मैं ऐसा करता तो ये बेईमानी होती. हालांकि, इस बयान पर बवाल मचते ही मलिक ने कहा कि उनके बयान को गलत संदर्भ में पेश किया गया है. उन्होंने ऐसी कोई बात ही नहीं की थी, न तो कोई दबाव था और न ही किसी तरह का दखल.