पहलू खान हत्या मामले की दोबारा जांच शुरू हो गई है. राजस्थान सरकार की ओर से गठित एसआईटी की टीम आज यानी बुधवार को अलवर के बहरोड़ पहुंची. घटनास्थल का टीम निरीक्षण कर रही है. इस मौके पर पुलिस के उच्च अधिकारी भी मौजूद हैं. बता दें, लोअर कोर्ट से सभी आरोपी बरी होने के बाद गहलोत सरकार ने एसआईटी गठित की है जिसने जांच शुरू की है.
अभी हाल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहलू खान की पीटकर की गई हत्या के मामले की जांच में खामियों के लिए पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि उनकी सरकार ने मामले की फिर से जांच के लिए एसआईटी गठित की है. गहलोत ने कहा कि पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने पहलू खान मामले में चार जांच अधिकारी बदले थे.
उन्होंने कहा, "तथ्य यह है कि हम हाल ही में भीड़ हिंसा के खिलाफ राजस्थान में एक कानून लाए हैं. राजस्थान ऐसा कानून लाने वाला मणिपुर के बाद दूसरा राज्य है." गहलोत ने कहा, "हमने गंभीर मामलों की त्वरित प्रभावी जांच सुनिश्चित करने के लिए जघन्य मामला निगरानी इकाई भी बनाने का फैसला लिया है जो अवर महानिदेशक (अपराध) की देखरेख में काम करेगी."
इस मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी अपनी जांच रिपोर्ट 15 दिन में राज्य सरकार को सौंप देगी. एसआईटी का प्रमुख स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के डीआईजी नितिन देव को बनाया गया है, जबकि राज्य के एडीजी क्राइम बीएल सोनी जांच पर नजर रखेंगे. एसआईटी में सीबीसीआईडी के एसपी समीर कुमार सिंह भी हैं. एसआईटी मुख्य रूप से पहलू खान मॉब लिंचिंग केस की जांच में खामियों और मिलीभगत कर आरोपियों के बचाने वाले अधिकारियों की पहचान करेगी. एसआईटी मामले की पड़ताल में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को चिन्हित करने के साथ ही मौखिक और कागजी साक्ष्य भी एकत्रित करेगी.