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राजस्थान सरकार के विवादित अध्यादेश के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई आज

सरकार ने भले ही अध्यादेश को विधानसभा में बिल के रूप में पेश बिल को विरोध के बाद प्रवर समिति को भेज दिया है, मगर सात सितंबर 2017 को जारी ये अध्यादेश अगले 40 दिनों तक राजस्थान में लागू रहेगा.

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राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट

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राजस्थान में वसुंधरा सरकार के लोकसेवकों को कोर्ट और मीडिया से संरक्षण देनेवाले अध्यादेश के खिलाफ लगी पांच याचिकाओं पर राजस्थान हाईकोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा.

सरकार ने भले ही अध्यादेश को विधानसभा में बिल के रूप में पेश बिल को विरोध के बाद प्रवर समिति को भेज दिया है, मगर सात सितंबर 2017 को जारी ये अध्यादेश अगले 40 दिनों तक राजस्थान में लागू रहेगा.

राजस्थान सरकार ने अपना अध्यादेश वापस लेने से तकनीकी कारणों का हवाला देकर मना कर दिया है जिसके खिलाफ पांच याचिकाएं हाईकोर्ट में लगी है, जिसमें विवादित अध्यादेश को रद्द करने की मांग की गई है.

क्यों है विवाद

इस अध्यादेश के मुताबिक कोई भी व्यक्ति सरकारी अफसर के खिलाफ एफआईआर सरकार की इजाजत के बिना दर्ज नही करवा सकता है. कोर्ट भी बिना सरकार की इजाजत के मुकदमा दर्ज करने का आदेश नही दे सकता है. साथ ही, सरकार ने मुकदमा दर्ज करने के लिए आदेश की अवधि 180 दिनों की रखी है और इन 180 दिनों में अफसर की पहचान उजागर करने की इजाजत मीडिया को भी नहीं है.

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इस अध्यादेश के खिलाफ सबसे पहले अधिवक्ता अजय जैन ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसे सुनवाई के लिए कोर्ट ने 27 अक्टूबर को दिन तय किया है. इस बीच आम आदमी पार्टी के लीगल सेल के पूमनचंद भंडारी, सामाजिक संगठनों की तरफ से पीयूसीएल, कांग्रेस की तरफ से सचिन पायलट और एक अन्य याचिका राजस्थान हाईकोर्ट में अत्री कुमार दाधीच ने लगाई है. कोर्ट इन सभी याचिकाओं पर एक साथ कल सुनवाई करेगा.

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