राजस्थान के भरतपुर जिले में पुलिस ने एक ऐसे साधु को गिरफ्तार किया है जो मंदिरों में रह कर वहां आने वाली महिलाओं को अपने जाल में फंसा लेता था. फिर बहला फुसलाकर उन महिलाओं के साथ शारीरिक शोषण करता था. बाद में पुलिस से बचने के लिए साधु अपना वेश भी बदल लेता था.
आगरा के फतेहपुर थाना स्थित पाली गांव का रहने वाला साधु कलुआदास उर्फ वीरेंदर काफी समय से भरतपुर के कई मंदिरों में अलग-अलग रूप बदल कर रह रहा था. साधु ने दो महीने पहले नदबई थाना क्षेत्र के खटौटी गांव में रहने वाली एक महिला और उसकी 6 वर्षीय बेटी को बहला फुसलाकर वहां से फरार हो गया था. जिसके बाद महिला के पति ने नदबई थाने में 22 जून को मामला दर्ज कराया था. जिसकी जांच लखनपुर थाना प्रभारी को दी गयी थी.
महिला को लेकर फरार हुए साधु की तलाश में पुलिस दो महीने से जुटी थी. इस दौरान पुलिस ने कई जगह छापेमारी की. बुधवार शाम पुलिस ने महिला और उसकी बच्ची को राजस्थान के धौलपुर की अम्बेडकर कॉलोनी स्थित एक कुटिया में पाया. जबकि साधु को डीग थाना स्थिति वरताई गांव के एक मंदिर से गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस के अनुसार, मंदिरों में आने वाली महिलाओं को आरोपी साधु अपनी बातों में बहला फुसला लेता था और फिर उनको लेकर फरार हो जाता था. वह महिलाओं को घर में रखे सभी सोने के जेवरात और नकदी लेकर जाने की भी सलाह देता था. फिर महिलाओं को बंदी बनाकर उनका शारीरिक शोषण करता था. जानकारी के मुताबिक साधु अभी तक कई महिलाओं को बहला फुसलाकर उनके साथ फरार हो जाता था और उनका शारीरिक शोषण करता था. जिसकी जांच और पूछताछ के लिए पुलिस गुरुवार को साधु को कोर्ट में पेश करेगी और पुलिस रिमांड की मांग करेगी ताकि साधु की करतूतों का खुलासा हो सके.
पुलिस ने महिला और बच्ची को उसके परिजनों के हवाले कर दिया है. जबकि साधु से पूछताछ जारी है. पुलिस के अनुसार, साधु मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करता था और अपना रूप बदल लेता था. साथ ही दाढ़ी भी कटवा लेता था. ताकि उसको कोई पहचान न पाए. इसलिए साधु को गिरफ्तार करने के में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी.