राजस्थान के अजमेर में छात्र संगठन एनएसयूआई और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाईं. अध्यापकों के व्यवहार से नाराज एनएसयूआई और एबीवीपी दोनों ही छात्र संगठनों ने कॉलेज बंद का आह्वान किया था. लिहाजा कॉलेज बंद करवाने आए एनएसयूआई और एबीवीपी के छात्र नेताओं को अपनी जिद्द का नतीजा लाठियों के रूप में भुगतना पडा.
आपको बता दें कि एनएसयूआई और एबीवीपी ने कॉलेज के कुछ अध्यापकों के व्यवहार को छात्रों के लिए परेशान करने वाला करार देते हुए सोमवार को कॉलेज बंद की घोषणा की थी, जिसे नाकाम करने के लिए राजकीय सम्राट पृथ्वीराज चौहान महाविद्यालय प्रशासन को पुलिस का सहारा लेना पड़ा. बंद समर्थक छात्र नेताओं को मुख्य द्वार पर रोक दिए जाने से कॉलेज के बाहर माहौल तनावपूर्ण हो गया. बंद समर्थको ने नारेबाजी शुरु कर दी और कॉलेज के बाहर जम कर हंगामा मचाना शुरू कर दिया. लिहाजा प्रशासन को बल प्रयोग करना पड़ा और पुलिस ने बंद समर्थक छात्रों को दौड़ा-दौड़ाकर मारना शुरू कर दिया.
गौरतलब है सुबह से ही कॉलेज के बाहर छात्र नेताओ और पुलिस के बीच टकराव की नौबत दिखाई दे रही थी. तनाव को देखते हुए कॉलेज पहुंची आईपीएस मोनिका सेन के निर्देश पर पुलिस ने छात्रों को खदेडना शुरू कर दिया. इस दौरान छात्र नेताओं की पहचान कर उन्हें पुलिस ने निशाना बनाया और लाठिया भांजी. आईपीएस मोनिका सेन के अनुसार छात्र नेता माहौल को खराब कर रहे थे जिन्हें खदेड़ा जाना आवश्यक था.
वहीं दूसरी तरफ छात्र नेताओं ने पुलिस की सख्ती को छात्र आंदोलन का दमन करार दिया है. पुलिस की सख्ती के बाद अपने जख्मों को दिखाते हुए छात्र नेताओ ने पुलिस की सख्ती को गैरजरूरी बताते हुए भर्त्सना की. राजकीय पृथ्वीराज चौहान महाविद्यालय में छात्रों पर लाठी चार्ज मामले में कांग्रेस के शिष्टमंडल ने अजमेर पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे छात्रों पर बेवजह लाठियां भांजी हैं.