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राजस्थान पुलिस का सरकार के खिलाफ प्रदेश व्यापी विरोध-प्रदर्शन

सरकार का कहना है कि एक गलती की वजह से 2013 से पुलिसकर्मियों को ज्यादा वेतन मिल रहा था. सूत्रों का कहना है कि 2400 के वेतनमान वाले पुलिस कांस्टेबल को 2800 का वेतनमान दिया जा रहा था, अब जिसे सही कर दिया गया है.

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राजस्थान में  पुलिसकर्मियों का सरकार के खिलाफ प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन
राजस्थान में पुलिसकर्मियों का सरकार के खिलाफ प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन

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राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार को सोमवार को अजीबोगरीब स्थिति का सामना करना पड़ा, जब पूरे राज्य को लगभग सभी पुलिसकर्मी सरकार के खिलाफ ही विरोध-प्रदर्शन पर उतर आए. वेतन में 5000 रुपये की कटौती को लेकर पूरे राजस्थान में पुलिसकर्मियों ने विरोध प्रदर्शन किया और विरोध स्वरूप खाने का ही बहिष्कार कर दिया.

राजस्थान में किसी सरकारी विभाग में इतने बड़े पैमाने पर वेतन की कटौती का पहला मामला है. सूत्रों के अनुसार सरकार का कहना है कि एक गलती की वजह से 2013 से पुलिसकर्मियों को ज्यादा वेतन मिल रहा था. सूत्रों का कहना है कि 2400 के वेतनमान वाले पुलिस कांस्टेबल को 2800 का वेतनमान दिया जा रहा था, अब जिसे सही कर दिया गया है.

लेकिन पुलिस कर्मियों का कहना है कि सरकार सातवें वेतनमान के फायदे खत्म कर रही है और कुल वेतन में 5000 की कटौती कर दी गई है.

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मेष का बहिष्कार

समाज द्वारा होने वाले विरोध-प्रदर्शनों को संभालने वाली पुलिस ही अब राजस्थान में विरोध में बैठ गई है और पुलिसकर्मियों ने विरोध स्वरूप पुलिस मेस का बहिष्कार कर दिया है.

पुलिसकर्मियों को प्रदेशव्यापी विरोध के बाद बैकफुट पर आ गई प्रदेश सरकार का कहना है कि पुलिस कर्मियों से वह इस मुद्दे पर बातचीत करेगी.

बीकानेर में पुलिसकर्मियों ने काली पट्टी बांधकर जताया रोष

वेतन कटौति को लेकर बिकानेर में पुलिस कर्मी सरकार के खिलाफ लामबंद नजर आए. बीकानेर संभाग के तमाम जिलो में आज पुलिस कर्मियों ने काली पट्टी बांधकर और मेस का बहिष्कार कर सरकार के खिलाफ अपना रोष प्रकट किया. बिकानेर में विरोध करने वाले पुलिस कर्मियों ने वेतन में की गई कटौति को वापस लेने, साथ ही भत्ता बढ़ाने की भी मांग की. बीकानेर सदर थाने के एसएचओ लक्ष्मण सिंह ने कहा कि पुलिसकर्मियों में वेतन कटोती को लेकर नाराजगी है.

बाड़मेर में वसुंधरा सरकार के खिलाफ उतरी पुलिस

बाड़मेर में भी पुलिस कर्मी सोमवार को सरकार के खिलाफ विरोध में काली पट्टी बांधकर ड्यूटी करते नजर आए. पूरे बाड़मेर में विभिन्न थानों और पुलिस लाइन में पुलिसकर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज किया. वेतन विसंगति को दूर करने एवं निर्धारित भत्ते देने की मांग को लेकर सोमवार को पुलिस कर्मियों और पुलिस अधिकारियों ने मेस का भी बहिष्कार किया. पुलिस कर्मियों ने अपनी बाहों पर काली पट्टी बांधकर विरोध जताया और महानिदेशक पुलिस के मार्फत मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री एवं प्रमुख शासन सचिव को भेजा.

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पूरे दिन भूखे रहे पुलिस कर्मी

पुलिस लाइन के प्रभारी पुष्पेंद्र कुमार ने बताया, "वेतन विसंगतियों को दूर करने तथा भत्ते प्रदान करने की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन सरकार की ओर से कोई सुनवाई नहीं की जा रही. इसके विरोध स्वरूप कार्मिको ने आज सामूहिक रूप से मेस का बहिष्कार किया. कार्मिक विरोध स्वरूप 15 दिन तक बांहों पर काली पट्टी बांधे रहेंगे . अभी तो पुलिसकर्मियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज करवाया है, लेकिन पुलिसकर्मियों के मुताबिक उनकी मांगें वक्त पर नहीं मानी गईं तो अलग-अलग तरीकों से विरोध प्रदर्शन किया जाएगा."

पुलिस लाईन बाड़मेर में निरीक्षक पुष्पेंद्र वर्मा का कहना है कि दिन रात काम करने वाले पुलिसकर्मियों के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए.

जैसलमेर में भी सभी थानों को पुलिसकर्मियों ने किया विरोध-प्रदर्शन

जैसलमेर के रामदेवरा, पोकरण, नाचना सहित विभिन्न जिलों में पुलिस कर्मियों ने राज्य सरकार द्वारा वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने व वेतन कटौती के विरोध में सोमवार से सारे पुलिस कर्मियों ने पोलिस थाने के मेस में खाना नहीं खाया.

थानाधिकारी अमर सिंह सहित सभी कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर सरकार के फैसले का विरोध किया. थानाधिकारी ने बताया कि पुलिस अपना काम-काज नियमित रूप से करेगी, लेकिन अगले आदेश तक मेस का बहिष्कार जारी रहेगा.

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बातचीत कर निकालेंगे समाधान : गृहमंत्री

राजस्थान के गृह मंत्री गुलाबचंद कटारियां ने पीली, जोधपुर, सीकर, जयपुर, बाड़मेर, बिकानेर सहित पूरे राज्य में फैल चुके पुलिसकर्मियों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर कहा कि पुलिस कर्मियों और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठकर बातचीत की जाएगी और समस्या का हल निकाला जाएगा.

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