राजस्थान कांग्रेस में सचिन पायलट को लेकर उठे विवाद पर कांग्रेस सक्रिय हो गई है. राजस्थान कांग्रेस में उठे विवाद को खत्म करने के लिए खुद सोनिया गांधी ने कमान संभाल ली है. सचिन पायलट और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की मुलाकात प्रियंका के दिल्ली लौटने पर हो सकती है.
राजस्थान में जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा और माना जा रहा है कि 4-5 पायलट समर्थक विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है जो बच जाएंगे उन्हें संगठन और राजनीतिक नियुक्तियों में जगह दी जा सकती है.
सूत्रों के अनुसार सचिन पायलट ने कांग्रेस महासचिव का पद संभालने से मना कर दिया है मगर कांग्रेस चाहती है कि सचिन पायलट समझौते के बाद कांग्रेस में दिल्ली की राजनीति करें.
इस बीच अशोक गहलोत ने लगातार विधायकों के साथ बैठक शुरू कर दी है. बहुजन समाज पार्टी से कांग्रेस में आने वाले विधायकों के अलावा निर्दलीय विधायकों और दलित विधायकों से भी गहलोत मिल रहे हैं. पिछले 2 दिनों में विधायकों से गहलोत ने बातचीत की है.
इसे भी क्लिक करें --- राजस्थान: पायलट-गहलोत विवाद भी जल्द सुलझने के आसार! सुलह के ये हो सकते हैं 5 फॉर्मूले
इससे पहले कांग्रेस आलाकमान और सचिन पायलट के बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सेतु बने हुए हैं. आजतक को मिली जानकारी के अनुसार पिछले दो दिनों से कमलनाथ सचिन पायलट के संपर्क में हैं और आज कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से बातचीत कर रहे हैं. इससे पहले जब पायलट समर्थक विधायकों की नाराजगी सामने आई तो प्रियंका गांधी के कहने पर ही पायलट चुप्पी साधे रहे.
गहलोत के भी संपर्क में आलाकमान
इस बीच कांग्रेस आलाकमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भी संपर्क में है और राहुल गांधी के दफ्तर से लगातार बातचीत चल रही है.
उधर, राजस्थान के प्रभारी अजय माकन सचिन पायलट के मुद्दे पर राहुल गांधी के दफ़्तर से संपर्क में है, मगर सचिन पायलट अब अजय माकन के जरिए नहीं बल्कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के जरिये मामला सुलझाना चाहते हैं. माकन ने कहा कि जल्दी ही मंत्रिमंडल विस्तार होगा और राजनीतिक नियुक्तियां होंगी. वह सचिन पायलट से लगातार बातचीत कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि अशोक गहलोत भी सारे मुद्दे जल्द ही सुलझाने के पक्ष में हैं.