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मोहन भागवत के बयान से सहमत नहीं साध्वी प्राची, कहा- गौमांस खाने वालों का DNA एक नहीं हो सकता

बीजेपी नेता साध्वी प्राची ने कहा है कि सबका डीएनए एक है, लेकिन गाय का मांस खाने वालों का नहीं. मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने यूपी के गाजियाबाद में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित किए गए एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है. फिर चाहे वे किसी भी धर्म के क्यों न हों.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • 'सबका डीएनए एक, लेकिन गौमांस खाने वालों का नहीं'
  • मोहन भागवत के बयान पर साध्वी प्राची की प्रतिक्रिया
  • भागवत ने कहा था- सभी भारतीयों का DNA एक

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के पिछले दिनों दिए गए डीएनए (DNA) को लेकर बयान पर बीजेपी नेता साध्वी प्राची ने शनिवार को प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि सबका डीएनए एक है, लेकिन गाय का मांस खाने वालों का एक नहीं हो सकता है. मोहन भागवत ने चार जुलाई को यूपी के गाजियाबाद में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित किए गए एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है. फिर चाहे वे किसी भी धर्म के क्यों न हों. लिंचिंग को लेकर भी भागवत ने कहा था कि जो लोग भी इसमें शामिल हैं, वे हिंदुत्व के खिलाफ हैं और लोकतंत्र में हिंदुओं या फिर मुसलमानों का प्रभुत्व नहीं हो सकता है.

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भागवत के बयान पर साध्वी प्राची की प्रतिक्रिया

आरएसएस प्रमुख के बयान पर जब साध्वी प्राची से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा,  "सब का डीएनए एक है, लेकिन गौमांस खाने वालों का नहीं.'' 

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जल्द लागू किया जाए दो बच्चों का कानून: साध्वी प्राची

राजस्थान के दौसा पहुंचीं साध्वी प्राची ने कहा कि देश में दो बच्चे का कानून जल्द-से-जल्द लागू होना चाहिए, वर्ना बड़ा खतरा पैदा हो जाएगा. दो बच्चों को लेकर कानून बनाने की मांग करते हुए साध्वी ने कहा कि दो से ज्यादा बच्चे वालों के मतदान के अधिकार को छीन लेना चाहिए. वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमला बोलते हुए बीजेपी सांसद ने कहा कि राजस्थान में लव-जिहाद के नाम पर लड़कियों पर भारी अत्याचार हो रहा है और सरकार कुछ नहीं कर रही है. मुख्यमंत्री गहलोत को लड़कियों का धर्मांतरण रोकना चाहिए. 

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मोहन भागवत के डीएनए बयान के बाद मचा बवाल

मोहन भागवत के डीएनए वाले बयान के बाद कांग्रेस, एआईएमआईएम के नेताओं ने उन पर हमला बोला था. ओवैसी ने कई सिलसिलेवार ट्वीट्स कर कहा था कि अपराधियों को गाय और भैंस में फर्क नहीं पता होगा, लेकिन कत्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक, पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन के नाम ही काफी थे. यह नफरत हिंदुत्व की देन है, इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है. कायरता, हिंसा और कत्ल करना गोडसे की हिंदुत्व वाली सोच का अटूट हिस्सा है. मुसलमानों की लिंचिंग भी इसी सोच का नतीजा है. 

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पूछा था यह सवाल

वहीं, कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने पलटवार करते हुए सवाल किया था कि क्या मोहन भागवत यह विचार अपने शिष्यों, प्रचारकों, वीएचपी. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को भी देंगे? क्या यह शिक्षा आप मोदी-शाह जी व बीजेपी मुख्यमंत्री को भी देंगे? यदि आप अपने व्यक्त किए गए विचारों के प्रति ईमानदार हैं तो भाजपा में वे सब नेता जिन्होंने निर्दोष मुसलमानों को प्रताड़ित किया है. उन्हें उनके पदों से तत्काल हटाने का निर्देश दें.

(दौसा से संदीप मीणा के इनपुट के साथ)

 

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