राजस्थान में कांग्रेस सरकार को लेकर कशमकश जारी है. विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने को लेकर कांग्रेस विधायक राजभवन में धरने पर बैठे थे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं.
इस मसले पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी प्रतिक्रिया जाहिर की है. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'देश में संविधान और कानून का शासन है. सरकारें जनता के बहुमत से बनती व चलती हैं. राजस्थान सरकार गिराने का भाजपाई षड्यंत्र साफ़ है. ये राजस्थान के आठ करोड़ लोगों का अपमान है. राज्यपाल महोदय को विधान सभा सत्र बुलाना चाहिए ताकि सच्चाई देश के सामने आए.'
देश में संविधान और क़ानून का शासन है।
सरकारें जनता के बहुमत से बनती व चलती हैं।
राजस्थान सरकार गिराने का भाजपाई षड्यंत्र साफ़ है। ये राजस्थान के आठ करोड़ लोगों का अपमान है।
Advertisementराज्यपाल महोदय को विधान सभा सत्र बुलाना चाहिए ताकि सच्चाई देश के सामने आए।#ArrogantBJP
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 24, 2020
धरने पर बैठे थे विधायक
राजस्थान में विधानसभा सत्र बुलाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खेमे ने राजभवन के सामने धरना दिया. अशोक गहलोत ने कहा है कि जब तक राज्यपाल महोदय पत्र नहीं सौंपते हैं तब तक धरना जारी रहेगा. बताया जा रहा है कि राज्यपाल की ओर से आश्वासन मिलने के बाद विधायकों ने धरना खत्म कर दिया है.
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अशोक गहलोत ने कहा, 'यहां उल्टी गंगा बह रही है. हम कह रहे हैं कि बहुमत साबित करने के लिए हम विधानसभा का सत्र बुलाना चाहते हैं. हमारे कदम को विपक्ष को भी स्वागत करना चाहिए था, यही लोकतंत्र की परंपरा है. '
मुख्यमंत्री ने कहा, 'राज्यपाल महोदय हमारे संवैधानिक मुखिया हैं. हमने उनसे अनुरोध किया है कि वे विधानसभा सत्र बुलाएं. मुझे कहते हुए संकोच नहीं है बिना ऊपर के फैसले के वे इसे रोक नहीं सकते हैं. क्योंकि इस तरह के फैसले सरकार और राज्यपाल आपस में बात करके लेते हैं.'
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अशोक गहलोत ने कहा, 'हमने विधायकों से कहा है कि हमें गांधी जी के रास्ते पर चलना है. उसी के तहत हम लोग राजभवन में बैठे हैं. राज्यपाल संवैधानिक पद पर हैं. उन्हें कड़ा निर्णय लेना चाहिए.' हालांकि मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद ही राज्यपाल के साथ उनकी सहमति बन गई.