राजस्थान में सेवारत 10000 डॉक्टर और राज्य सरकार के कर्मचारी शुक्रवार को सामूहिक हड़ताल पर रहेंगे. राजस्थान सरकार के कर्मचारी सातवां वेतनमान 1 जनवरी 2016 से लागू करने और वेतन कटौती वापस लेने सहित अलग-अलग मांगों को लेकर विरोध कर रहे हैं .दूसरी तरफ सेवारत डॉक्टर, चिकित्सक संघ के पदाधिकारियों के तबादलों का विरोध कर रहे हैं.
राजस्थान सरकारी कर्मचारियों का आरोप है कि 7वें वेतन आयोग के सिफारिश के अनुसार बकाए के पैसे सरकार नहीं देना चाहती है. सरकार ने सातवां वेतन आयोग की सिफारिशें राजस्थान में लागू कर दी है, लेकिन इसके बावजूद सरकारी कर्मचारियों से पिछले एरियर को लेकर ठनी हुई है. इसे लेकर राजस्थान सरकार से सरकारी कर्मचारी संगठनों की कई बार बातचीत हो चुकी है, लेकिन नतीजा नहीं निकला है.
दूसरी तरफ कई दिनों के हड़ताल के बाद डॉक्टर काम पर लौटे थे, लेकिन इस बीच राजस्थान सरकार ने हड़ताली डॉक्टरों के नेताओं का तबादला दूसरे जिलों में कर दिया. इसे लेकर चिकित्सक नाराज चल रहा है. इनका आरोप है कि सरकार ने उनके साथ धोखा किया है. जो बड़ी मांगे थे वह मानी नहीं गई. उलटे उनके नेताओं का ही ट्रांसफर कर दिया. शुक्रवार का दिन राजस्थान सरकार के लिए बड़ी सिरदर्दी का दिन है. हड़ताल करने वालों नेृ धमकी दी है कि उनकी मांगों पर विचार नहीं करती है तो हड़ताल आगे भी खींच सकता है. डॉक्टर सात दिन की हड़ताल के बाद 12 नवंबर को काम पर लौटे थे, आज सामूहिक हड़ताल पर हैं