राजस्थान में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सोमवार को मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए 15 नए मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल किया. बीते दिसंबर में प्रदेश में बीजेपी सरकार के गठन के बाद मंत्रिमंडल का पहला विस्तार है. इन 15 नए चेहरों में चार कैबिनेट मंत्री, छह राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और पांच राज्य मंत्री शामिल हैं.
नए चेहरों में आठ मंत्री 2003 से 2008 के बीच राजे सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल थे. राजभवन में सोमवार सुबह आयोजित समारोह में राज्यपाल कल्याण सिंह ने 14 मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई, जबकि शाम को एक विशेष समारोह में गढी क्षेत्र से विधायक जीतमल खांट को राज्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई.
कैबिनेट मंत्री के रूप में जैतारण से विधायक सुरेन्द्र गोयल, झोटवाड़ा से विधायक राजपाल सिंह, हनुमानगढ़ से विधायक डॉ. रामप्रताप, राजसमंद से विधायक किरण माहेश्वरी ने शपथ ली. राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में पचपदरा से विधायक अमराराम, नदबई से विधायक कृष्णेंद्र कौर दीपा, अजमेर (उत्तर) से विधायक वासुदेव देवनानी, रतनगढ़ से विधायक राजकुमार रिणवां, करणपुर से विधायक सुरेन्द्र पाल सिंह, अजमेर (दक्षिण) से विधायक अनिता भदेल को शपथ दिलाई गई.
समय पर नहीं पहुंच पाए थे खांट
राज्यमंत्री के रूप में बाली से विधायक पुष्पेन्द्र सिंह राणावत, बूंदी के केशोरायपाटन से विधायक बाबूलाल वर्मा, अर्जुनलाल गर्ग, सिरोही से विधायक ओटाराम देवासी को शपथ दिलाई गई, वहीं बांसवाड़ा जिले के गढी क्षेत्र से आदिवासी विधायक जीतमल खांट को राजभवन में शाम को आयोजित एक विशेष समारोह में राज्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई.
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार खांट शपथ ग्रहण समारोह के दौरान समय पर नहीं पहुंचने के कारण शपथ नहीं ले सके थे. तीसरी बार विधायक बने खांट को राज्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के अवसर पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी मौजूद थी. इससे पूर्व दिन में राजभवन में आयोजित मंत्रिमंडलीय शपथ ग्रहण समारोह में 14 विधायकों को राज्यपाल ने शपथ दिलाई थी.
संघ नेताओं से पूछा- खुश तो हैं ना?
शपथ ग्रहण के दौरान कई प्रश्नों के उत्तर में राजे ने सिर्फ इतना कहा कि अब बेहतर टीम बन गई है और वे (सभी मंत्री) जनकल्याण के लिए कार्य करेंगे. दिलचस्प यह रहा है कि शपथ ग्रहण समारोह के बाद मुख्यमंत्री ने विशिष्ट अतिथियों की पंक्ति में बैठे आरएसएस नेता राजेन्द्र भाई, दुर्गादास और मूलचंद से पूछा, 'अब आप लोग संतुष्ट तो हो ना?' इसके जवाब में उन लोगों ने मुस्कुराकर हाथ जोड़ लिए. बीजेपी द्वारा राजस्थान विधानसभा की 200 सीटों में से 163 सीटें जीतने के बाद राजे ने बतौर मुख्यमंत्री 13 दिसंबर 2013 को शपथ ली थी.
-इनपुट भाषा से