राजस्थान के अलवर जिले के भिवाड़ी में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद 118 उद्योगों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है. सोमवार को करीब 25 उद्योगों के कनेक्शन काट दिए गए है, जबकि बाकी उद्योगों के कनेक्शन मंगलवार को काटे जाएंगे. बिजली कनेक्शन कटने के बाद इन उद्योगों में काम ठप हो गया है.
राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (आरपीसीबी) से अनुमति लेने के बाद ही इनमें दोबारा से उत्पादन किया जा सकेगा. अलवर जिले के भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र में बिना प्रदूषण मंडल की अनुमति के संचालित हो रहे 118 उद्योग पर एनजीटी का डंडा चलने से हजारों की संख्या में कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं. इन औद्योगिक इकाइयों पर ताला लटक गया है.
आरपीसीबी ने भिवाड़ी फेज एक से पांच, रामपुर मुंडाना व घटाल औद्योगिक क्षेत्र में बोर्ड से बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए संचालित 118 उद्योगों के बिजली -पानी के कनेक्शन काटने के आदेश संबंधित विभागों को दिए हैं. आरपीसीबी के जयपुर स्थित मुख्यालय से इन उद्योगों के बिजली-पानी के कनेक्शन काटकर इनको बंद करने के आदेश मिल गए हैं.
मंगलवार को एनजीटी में होने वाली सुनवाई से पहले इसकी रिपोर्ट आरपीसीबी की ओर से दाखिल की जाएगी. राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मण्डल ने गत दिनों बिना अनुमति के चल रहे उद्योगों का सर्वे करवाया, तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. भिवाड़ी फेज एक से पांच, घटाल व रामपुर मुंडाना में संचालित आठ सौ उद्योगों में से एक चौथाई उद्योग बिना अनुमति के चल रहे हैं.
हालांकि कुछ उद्योगों ने कार्रवाई से बचने के लिए आवश्यक अनुमति ले ली है. अधिकतर सूक्ष्म व कुटीर उद्योग हैं और इनमें श्रमिकों की संख्या भी काफी कम है. आरपीसीबी ने बिना अनुमति चल रहे 118 उद्योगों की सूची जारी कर बिजली-पानी के कनेक्शन काटने के आदेश दिए हैं.
भिवाडी के सहायक अभियंता चन्द्रेश गुप्ता ने बताया कि आज सोमवार को करीब 25 बिजली कनेक्शन काट दिए गए. शाम को बारिश होने के कारण बाकी कनेक्शन नहीं काटे जा सके, लेकिन मंगलवार सुबह से अन्य फैक्टियों के कनेक्शन काटे जा रहा है.
बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता एससी महावर ने बताया कि विभाग को दी गई सूची में करीब 40 कनेक्शन ऐसे हैं, जो विभाग में दर्ज नाम से मैच नहीं खाते हैं. इसलिए इनके कनेक्शन किस तरह काटे जाएंगे, इसके लिए मार्गदर्शन लेकर कार्रवाई की जा रही है. उद्योगों के बंद होने से यहां काम करने वाले मजदूरों और कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा.