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मॉब लिंचिंग: रकबर की हत्या के विरोध में सड़क पर उतरेगा मेव समाज

राजस्थान के अलवर में रकबर की हत्या के विरोध में अब मेव समाज के लोग विरोध प्रदर्शन करेंगे. इसको लेकर मेव समाज की ओर से अलवर के रोड नंबर 2 स्थित मेल बोर्डिंग में रविवार को एक बैठक का आयोजन किया गया.

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मेव समाज लोग विरोध प्रदर्शन करेंगे
मेव समाज लोग विरोध प्रदर्शन करेंगे

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राजस्थान के अलवर में रकबर की हत्या के विरोध में अब मेव समाज के लोग विरोध प्रदर्शन करेंगे. इसको लेकर मेव समाज की ओर से अलवर के रोड नंबर 2 स्थित मेल बोर्डिंग में रविवार को एक बैठक का आयोजन किया गया.

इस बैठक में मेव समाज के अलावा एससी/एसटी समाज के कई पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया. सभी ने थाने का घेराव करने का फैसला लिया.  साथ ही राजस्थान और हरियाणा की सीमा पर जमा होकर विरोध करने पर भी सहमति बनी. मेव समाज के नेता शेर मोहम्मद ने रकबर की लिंचिंग को लेकर पुलिस पर सवाल उठाए हैं. उन्‍होंने कहा कि आखिर पुलिस घायल को 4 घंटे तक कहां लेकर घूमती रही. उस समय ऐसा क्या हुआ, जो घायल को तुरंत अस्पताल नहीं पहुंचाया गया. उन्‍होंने आरोप लगाया कि समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाने की वजह से रकबर की मौत हुई है.

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इस पूरे मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है. इसलिए विरोध करने का फैसला लिया गया है. हालांकि अभी यह निर्धारित नहीं हुआ है कि घेराव कब किया जाएगा. इस संबंध में अन्य लोगों से बातचीत की जा रही है. वहीं अगर प्रशासन की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया तो जिला कलेक्टर और अन्य संबंधित पदाधिकारियों को ज्ञापन दिया जाएगा और उनका घेराव किया जाएगा.

मॉब लिंचिंग को लेकर जयपुर में विरोध प्रदर्शन

वहीं देश में बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं के खिलाफ जयपुर में सामाजिक संगठनों ने विरोध दिवस मनाया. इस प्रदर्शन में दलित नेता और गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी, प्रकाश आंबेडकर, सुभाषिनी अली और पूर्व एमएलए जैसे नेता शामिल हुए. जयपुर के शहीद स्मारक पर हुए इस प्रदर्शन में मॉब लिंचिंग के खिलाफ जल्दी से जल्दी कानून लेकर आने की मांग की गई.

जिग्नेश मेवानी ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि वसुंधरा राजे ने एक ट्वीट कर अपना पल्ला झाड़ लिया.जिग्नेश मेवानी ने वहां बड़ी संख्या में मौजूद लोगों को BJP को वोट नहीं देने की शपथ भी दिलाई. वहीं सुभाषिनी अली ने भी मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर सरकार को घेरा. पीयूसीएल के बैनर तले कविता श्रीवास्तव ने अलवर की घटना के खिलाफ इसका आयोजन किया था जिसमें 17 से ज्यादा सामाजिक संगठनों ने हिस्सा लिया.

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बता दें कि अलवर जिले के इसी इलाके में एक साल पहले अप्रैल 2017 में 55 साल के पहलू खान की गोरक्षकों की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. जिस वक्त उनपर हमला किया गया था उस वक्त वह राजस्थान में गाय खरीदने के बाद हरियाणा जा रहे थे. डेयरी बिजनेस करने वाले पहलू खान की हमले के 2 दिन बाद मौत हो गई थी.

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