राजस्थान के अलवर जिले में पुलिस ने एक तरफ रकबर खान मॉब लिंचिंग मामले में चार्जशीट कोर्ट में दायर की तो दूसरी तरफ गोरक्षकों पर कानूनी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. राज्य में पहली बार पुलिस ने गोरक्षकों के खिलाफ सीधे तौर पर कार्रवाई शुरू की है. पुलिस ने गोरक्षकों को चेतावनी भी दी है कि गोरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
अलवर पुलिस ने गोरक्षकों का आपराधिक रिकॉर्ड भी खंगाल लिया है, जिसके आधार पर गोरक्षा के नाम पर कानून अपने हाथ में लेने ओर गुंडागर्दी करने वाले 25 गोरक्षकों को पुलिस ने नामजद कर लिया है. इनके खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है.
इन 25 नामजद गोरक्षकों को कोर्ट से पाबंद करवा दिया गया है. जबकि एक दर्जन गोरक्षकों के खिलाफ धारा 110 के तहत कार्रवाई की गई है. अब ये गोरक्षक अगर दोबारा अपराध में लिप्त पाए जाएंगे तो उनके खिलाफ डोजियर भी खोले जाएंगे.
पुलिस ने बनाए वॉट्सएप ग्रुप
पुलिस ने गोरक्षकों और ग्रामीणों के वॉट्सएप ग्रुप भी बनाए हैं, जिसके जरिए अगर गोतस्करी का कोई मामला सामने आता है, तो इसकी सूचना पुलिस को दी जाए. इसके लिए पुलिस खुद गांवों में जाकर जन सहभागिता बैठक कर रही है और गोरक्षा करने के लिए पुलिस का साथ देने के लिए समझाया गया है. वहीं सीएलजी की बैठकों में भी ग्रामीणों से अपील की जा रही है खुद गोतस्करों से मुकाबला करने से बचें और पुलिस की मदद करें.
पुलिस ने पिछले एक माह में 15 गोतस्करों को गिरफ्तार किया है. दरअसल, पुलिस ने 520 से अधिक फरार चल रहे गोतस्करों को गिरफ्तार करने का एक अभियान शुरू किया है, जिसके तहत गोतस्करों को टारगेट कर गिरफ्तार किया जा रहा है.
अलवर पुलिस अधीक्षक राजेंद्र सिंह ने बताया कि जिले में गोतस्करी करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया गया है और अलवर जिले में 500 से अधिक फरार चल रहे गोतस्करों की एक सूची बनाई गई है. इस सूची के आधार पर गोतस्करो को गिरफ्तार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अलवर जिले में गोरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी करने वालों के खिलाफ भी पुलिस कार्रवाई की जा रही है.
पुलिस ने बड़ी संख्या में गोरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी करने वाले कथित गोरक्षकों को चिन्हित किया है. उनका क्राइम रिकॉर्ड निकलवा लिया गया है और उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. जिले में 110 से अधिक गुंडागर्दी करने वाले कथित गोरक्षकों को चिन्हित किया गया है.
गौरतलब है कि अलवर जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र के लालवंडी गांव मे 21 जुलाई को रकबर खान की कथित गोरक्षकों की पिटाई (मॉब लीचिंग की घटना) के बाद रामगढ़ थाने में मौत हो गई थी. इस मामले की न्यायिक जांच एसीजेएम राजगढ़ को सौंपी गई है. जबकि पुलिस की ओर से जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राइम और लॉ एंड ऑर्डर को सौंपी गई है.