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राजस्थान: किसान की चारपाई के पास आया टाइगर, रजाई फाड़ी और फिर...

किसान धर्मसिंह ने बताया कि वह खेतों में प्याज की फसल की रखवाली कर रहा था. सुबह करीब 4-5 बजे जब वो सो रहा था तो टाइगर उसकी चारपाई के पास आ गया. टाइगर ने चारपाई के पास रखी रजाई को अपने पंजों से फाड़ दिया.

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किसान धर्मसिंह ने बताई आपबीती
किसान धर्मसिंह ने बताई आपबीती

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  • चारपाई के पास आकर बैठ गया टाइगर
  • टाइगर को देखकर किसान के उड़े होश

राजस्थान के अलवर जिले के सरिस्का टाइगर रिजर्व में नुरपीर गांव में खेतों की रखवाली कर रहे किसान की उस समय सांस अटक गई जब सुबह करीब 5 बजे एक टाइगर उसकी चारपाई के पास आ गया. टाइगर ने चारपाई के पास रखी रजाई को अपने पंजों से फाड़ दिया. हालांकि उसने किसान को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया और उसे छोड़कर चला गया. लेकिन टाइगर को इतना नजदीक देखकर किसान अपनी चारपाई पर बिना किसी मूवमेंट के भगवान को याद करता रहा.

गांव में मचा हड़कंप

इस घटना के कई घंटे बाद भी पीड़ित किसान धर्मसिंह गुर्जर के शरीर में कंपन्न होता रहा कि कैसे मौत उसके पास से होकर गुजर गई. दरअसल, सरिस्का अलवर मार्ग पर अकबरपुर रेंज के नुरपीर,पृथ्वीपुरा और परता का बास गांव के जंगल में सुबह टाइगर एसटी के नया मेल बाघ नुरपीर गांव में बुधवार सुबह खेतों में पहुंच गया. खेतों में टाइगर आने से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया और सरिस्का प्रसासन को मामले की सूचना दी गई.

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पैरों के निशान से मिली जानकारी

इसके बाद सरिस्का के अकबरपुर रेंज के क्षेत्रीय वन रेंज अधिकारी मनोज यादव सरिस्का के वन विभाग के कर्मियों की टीम के साथ मौके पर पहुंचे. इसके बाद टाइगर सरिस्का से एतियात के तौर पर ट्रेंकुलाइज करने के लिए एक्सपर्ट की टीम को बुला लिया और टाइगर की ट्रेकिंग की गई तो टाइगर के वापिस जंगल में चले जाने के मार्क मिलने से सरिस्का प्रशासन ओर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली.

किसान धर्मसिंह ने बताया कि वह खेतों में प्याज की फसल की रखवाली कर रहा था. सुबह करीब 4-5 बजे जब वो सो रहा था तो टाइगर उसकी चारपाई के पास आ गया और कुछ देर बाद वह नदी में कूद गया. इसके बाद ग्रामीणों ने सरिस्का प्रशासन को सूचना दी.

गौरतलब है कि मंगलवार शाम को डडीकर गांव में पैंथर के अटैक में 4 ग्रामीण घायल हो गए थे, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. सरिस्का में वन्यजीवों और ग्रामीणों के बीच जंग लगातार होती रही है. जिसमें कई टाइगर और पैंथरों को ग्रामीणों ने मौत के घाट उतारा दिया. सरिस्का में मानवीय दखल वन्यजीवों पर भारी पड़ रहा है.

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