राजस्थान विधानसभा चुनाव की राजनीतिक बिसात सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पर बिछाई जाने लगी है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने अखलाक और एनआरसी के मुद्दे को उठाया तो वहीं अब विश्व हिंदू परिषद ने रकबर के लिंचिंग मामले के आरोपियों के पक्ष में हिंदू धर्म सभा कर उनकी तुलना भगत सिंह-सुखदेव-राजगुरु से करते हुए राष्ट्रभक्त बताया है.
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि बीजेपी और हिंदुवादी संगठन कहीं राजस्थान की सत्ता में वापसी के लिए सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का सहारा तो नहीं ले रहे हैं?
राजस्थान के गोविन्दगढ़ में विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल ने हिन्दू धर्म सभा का आयोजन किया था. धर्म सभा में आए सभी वक्ताओं ने रामगढ़ में कथित गोतस्कर रकबर की हत्या के मामले में बंद गोरक्षकों को छुड़वाने और गोविन्दगढ़ में गोकशी मामले में बाकी 65 आरोपियों की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया.
धर्म सभा में अलवर जिले में बढ़ते लव जिहाद के बारे में चिंता जाहिर करते हुए कहा गया कि लव जिहाद मीठा जहर है, जो धीरे-धीर फैल रहा है. कभी किसी मुसलमान लड़की को हिन्दू लड़के के साथ भागते नहीं देखा है. VHP नेता और गोरक्षा दल के नवल किशोर शर्मा ने कहा कि अगर हिन्दू एकजुट नहीं हुआ, तो इसके परिणाम सभी को भुगतने पड़ेंगे.
उन्होंने रकबर की हत्या मामले में बंद तीनों आरोपियों की तुलना भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु से करते हुए कहा कि उनको उस समय फांसी हुई थी, लेकिन आज हमारे भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु राजस्थान के अलवर जिले की जेल में बंद है. हम उनकी मौत का नजारा देख रहे है.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को जयपुर से चुनावी बिगुल फूंकते हुए गोहत्या के शक में मारे गए अखलाक से लेकर असम के एनआरसी तक का मुद्दा उठाया. शाह ने बीजेपी कार्यकर्ताओं से कहा कि अखलाक कांड और अवॉर्ड वापसी के बाद भी हम जीते थे. कुछ भी हो जाए, हम ही जीतेंगे.
बता दें कि गोहत्या के शक में यूपी के दादरी में अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद कई बड़े लेखकों ने असहिष्णुता बढ़ने का आरोप लगाते हुए अवॉर्ड वापस कर दिया था.
अखलाक के साथ-साथ अमित शाह ने NRC मुद्दे को भी उठाया और कहा कि एक भी बांग्लादेशी घुसपैठिए को भारत में नहीं रहने दिया जाएगा, सभी को चुन-चुन कर बाहर निकाल देंगे.
जमात-ए-इस्लामी हिंद के महासचिव सलीम इंजीनियर ने आजतक से बातचीत में कहा कि राजस्थान में बीजेपी के खिलाफ माहौल बना हुआ है. वसुंधरा राजे की सरकार सत्ता में वापस आती नजर नहीं आ रही है. इसी के मद्देनजर बीजेपी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश में जुट गई है.
उन्होंने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष ने जिस तरह से अखलाक और NRC के मुद्दे को उठाया है, उसके राजनीतिक संकेत को साफ समझा जा सकता है. राजस्थान में पिछले दिनों मॉब लिंचिंग के कई मामले हुए हैं. ऐसे में लगता है कि यह बीजेपी की शह पर और योजना के तहत किया जा रहा है. इन मामलों में पुलिस का रवैया भी काफी भेदभाव वाला रहा है. अमित शाह के बयान से हमारा शक यकीन में बदल गया है.
सलीम इंजीनियर ने शक जाहिर करते हुए कहा कि बीजेपी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के साथ जातीय ध्रुवीकरण करने की योजना भी बना रहा है. 2 अप्रैल को भारत बंद मामले में दलित समुदाय के काफी लोगों को गिरफ्तार करके कार्रवाई की गई है. वो बीजेपी की सोची समझी राजनीति का हिस्सा है.
उन्होंने कहा कि इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ये है कि बीजेपी का जो वोटबैंक रहा है वो नाराज है. ऐसे में बीजेपी को सत्ता जाने का खतरा मंडरा रहा है. इसी के मद्देनजर उन्हें साधने के लिए ये सब कोशिश की जा रही है. बीजेपी सांप्रदायिक और जातीय ध्रुवीकरण चुनाव के दौरान करती रही है.