राजस्थान में राजधानी जयपुर से लेकर गांव-ढाणियों तक चुनाव की तैयारियां हो चुकी है. गांवों की चौपाल से लेकर शहरों के मॉल्स में चुनावी चर्चा शुरू हो गई है. जयपुर की सड़कों पर भी चुनावी पोस्टरों की भरमार है. ऐसे में जानते हैं क्या है जयपुर और उसकी सिविल लाइंस सीट का हाल...
दरअसल जयपुर जिला भी बीजेपी का गढ़ माना जाता है. जयपुर जिले में 19 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें एक सीट पर कांग्रेस, 16 सीटों पर बीजेपी, एक सीट पर निर्दलीय और एक सीट पर एनपीपी [नेशनल पीपुल्स पार्टी] का कब्जा है. वहीं इसमें जयपुर शहर की सभी सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी.
बस्सी (एसटी) दौसा लोकसभा क्षेत्र की विधानसभा सीट है, जहां 20.98 एससी और 31.64 फीसदी एसटी वर्ग के लोग रहते हैं. 2007 की वोटिंग लिस्ट के अनुसार यहां 201801 मतदाता और 242 मतदाता केंद्र हैं.
2013 विधानसभा चुनाव
बस्सी से बीजेपी उम्मीदवार अंजू देवी धानका ने कांग्रेस की अवंती को 11339 वोटों से हराया था. इस दौरान अंजू देवी को 48095 और कांग्रेस उम्मीदवार को 36756 वोट हासिल हुए थे. वहीं कुल 180349 मतदाताओं में से 141704 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था.
2008 विधानसभा चुनाव
वहीं 2008 विधानसभा चुनाव में अंजू खंगवाल ने बीजेपी के कन्हैया लाल को हराया था. इस दौरान अंजू खंगवाल को 54098 और कन्हैया लाल को 32166 वोट हासिल हुए थे.
विधानसभा का समीकरण
राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीटें हैं. इनमें 142 सीट सामान्य, 33 सीट अनुसूचित जाति और 25 सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और उसने 163 सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि कांग्रेस 21 सीटों पर सिमट गई थी. बहुजन समाज पार्टी को 3, नेशनल पीपुल्स पार्टी को 4, नेशनल यूनियनिस्ट जमींदारा पार्टी को 2 सीटें मिली थीं. जबकि 7 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे.